नई दिल्लीः नोएडा अथॉरिटी जल्द ही इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) लागू करेगी. यह अभी तक किसी भी मेट्रो सिटी के पास नहीं है. दावा है कि इसके लागू होने के बाद नोएडा में सड़कों पर अतिक्रमण नहीं हो पाएगा.
सीएम योगी ने की समीक्षा
सड़कों पर बेवजह गाड़ी रोकना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, रेड लाइट जंप करना, बिना हेलमेट के चलना, ओवरस्पीडिंग करने पर सख्त कार्रवाई होगी. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी समीक्षा बैठक की और ट्रायल लिया. नोएडा अथॉरिटी की तरफ से बनाए गए इस सिस्टम को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी नोएडा पुलिस पर है.
इसके जरिए नोएडा को पूरी तरीके से ट्रैफिक मैनेजमेंट में ऑटोमेटिक और सिस्टमैटिक करने की कोशिश की गई है. ये इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम क्या है? इसे बारे में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने विस्तार से बताया.
ट्रैफिक सिस्टम में बदलाव शुरू
ट्रैफिक सिस्टम में बदलाव करने के लिए नोएडा काम शुरू हो चुका है. ITMS के तहत ये काम किया जा रहा है. शहर में सीसीटीवी समेत चार तरह के खास कैमरे लगाए जाएंगे. रेड लाइट पर वाहनों की भीड़ के हिसाब से लाइट की टाइमिंग ऑटोमैटिक तरीके से खुद ही सेट हो जाएगी.
यही नहीं सड़क पर चलते हुए शहर में लगने वाले ट्रैफिक जाम और रूट डायवर्जन की जानकारी भी मिल जाएगी. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी करीब 88 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
कैसे काम करेंगे ये तीन खास तरह के कैमरे
रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा: रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा उन लोगों पर निगाह रखता है, जो रेड लाइट जंप करते हैं. ये कैमरा ऐसे लोगों की इमेज कैप्चर करके वाहन के नंबर के आधार पर खुद ही चालान काट देता है.
ANPR कैमरा
ये नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा होता है. नोएडा अथॉरिटी के अफसरों के मुताबिक, शहर के करीब 693 प्वाइंट पर ये कैमरे लगाए जाएंगे. इसकी खासियत यह है कि यह खुद से वाहनों की नंबर प्लेट पढ़कर चालान काट देता है. यही नहीं कमांड कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी भी इसकी मदद से सड़क पर नजर रख सकते हैं और नियम तोड़ने वाले का चालान काट सकते हैं.
Surveillance कैमरा
सर्विलांस कैमरा खासतौर पर पुलिस की मदद के लिए लगाया जाएगा. शहर के करीब 354 प्वाइंट पर लगा ये कैमरा वाहनों पर चलने वाले लोगों के चेहरों पर फोकस करेगा. ये कैमरा बेहद नजदीक से इंसान के चेहरे को फोकस करता है. इस कैमरे से पुलिस बदमाशों को आसानी से पहचान और पकड़ सकेगी.
ITMS के तहत एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम बेहद खास माना जाता है. इसकी खासियत ये है कि ट्रैफिक लाइट पर वाहनों की संख्या ज्यादा होने पर ग्रीन लाइट का वक्त खुद से ही बढ़ जाएगा. इससे ज्यादा से ज्यादा वाहनों को निकलने का मौका मिल सके. अगर थोड़ी देर बाद वाहनों की संख्या कम हो जाएगी तो ग्रीन लाइट फिर से अपना टाइम बदल लेगी. शुरुआत में नोएडा के करीब के 40 हैवी ट्रैफिक वाली रेड लाइट पर यह सिस्टम लगाया जाएगा.
किसकी क्या-क्या जिम्मेदारी होगी
ITMS को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी नोएडा पुलिस की होगी. नोएडा पुलिस के अंतर्गत ही नोएडा सेक्टर 94 में इसका कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से पूरे शहर पर निगरानी रखी जा सकेगी. लोगों में जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी, सही तरीके से इस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए कानून व्यवस्था लागू करने की जिम्मेदारी, सुचारू रूप से ट्रैफिक को चलाने की जिम्मेदारी नोएडा पुलिस की होगी.
वहीं, दूसरी तरफ नोएडा अथॉरिटी की जिम्मेदारी इस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को सही तरीके से चिह्नित जगहों पर इंस्टॉल करने की होगी और नोएडा पुलिस को पूरी तरीके से टेक्निकल सपोर्ट देने की होगी.
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