नई दिल्ली: Karnataka Reservation: कर्नाटक में प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों की धड़कन बढ़ गई हैं. राजधानी बेंगलुरु की IT कंपनियों में बाहर की एक बड़ी आबादी काम करती है. लेकिन अब कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की बात कही है. इसके बाद से ही ये सवाल उठ रहा है कि कर्नाटक और खासकर बेंगलुरु में बाहरी लोग नौकरी कर पाएंगे या नहीं?
बिल में क्या लिखा, किसे मिलेगा आरक्षण?
दरअसल, हाल ही में कर्नाटक मंत्रिमंडल के द्वारा एक बिल पास किया गया है. इसमें C और D ग्रेड की जॉब्स में कन्नड़ा लोगों को100% आरक्षण मिलने की बात कही है. इस बिल में कहा गया है कि कन्नड़िगा लोगों को आरक्षण मिलेगा. सरकार ने बिल में कन्नड़िगा लोगों को भी परिभाषित किया है. इसमें बताया गया है कि जो लोग 15 साल तक कर्नाटक में रहे हैं, कन्नड़ भाषा बोल और लिख लेते हैं. इसकी एग्जाम पास करते हैं तो उन्हें कन्नड़िगा मान लिया जाएगा.
सिद्धारमैया ने डिलीट किया पोस्ट
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले 100% आरक्षण की सोशल मीडिया पर जानकारी दी. लेकिन बाद में उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दिया. इसके बाद उनकी सरकार में श्रम मंत्री संतोष लाड का बयान आया. उन्होंने काहा गैर-प्रबंधन भूमिकाओं के लिए 70% और प्रबंधन भूमिकाओं के लिए 50% आरक्षण की सीमा तय हुई है. यदि किसी शख्स के पास वो स्किल नहीं है, जो नौकरी के लिए जरूरी है तो बाहरी लोगों को हायर किया जा सकता है
क्या पास हो गया विधेयक?
अभी ये विधेयक कर्नाटक विधानसभा में जाना है. यहां पर कांग्रेस का बहुमत है, लिहाजा ये बिल पास हो सकता है. इसके बाद राज्य के उद्योगों में लोकल लोगों को आरक्षण देना अनिवार्य होगा. मैनेजर या मैनेजमेंट वाले जॉब में लोकल लोगों को 50% आरक्षण मिलेगा. गैर-मैनेजमेंट सेक्टर की नौकरियों में 75% पद कन्नड़ लोगों के लिए रिजर्व होंगे. ग्रुप C और D नौकरियों में 100% कन्नड़िगा लोगों को नौकरी मिलेगी. यदि C और D कैटेगरी में बाहरी लोग नौकरी करना चाहें तो उन्हें वे सारी शर्तें पूरी करनी होंगी, जो कन्नड़िगा के लिए सरकार ने रखी हैं.
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