नई दिल्ली. बेंगलुरु की एक नवयुवती दूसरी बार कोरोना पॉजिटिव पाई गई है. एक माह पहले सत्ताईस वर्ष की इस महिला की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया था किन्तु अब फिर से कोरोना पॉज़िटिव आने के बाद महिला का परिवार ही नहीं डॉक्टर्स भी हैरान हैं.
फिर प्रकट हुए हैं लक्षण
जुलाई में ठीक हो जाने के बाद इस कोरोना रोगी महिला के पूरे परिवार में ख़ुशी का माहौल था. लेकिन अब इस महिला के शरीर में कोरोना के लक्षण फिर वापस आ गए हैं. डॉक्टर को दिखाने के बाद इसका कोरोना टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट फिर से पॉज़िटिव आई है अर्थात इस महिला को फिर से हो गया है कोरोना संक्रमण.
चिकित्सा वैज्ञानिक अचम्भे में
बेंगलुरु की इस महिला के पुनर्संक्रमण के मामले के बाद अब वैक्सीन निर्माता चिकत्सा वैज्ञानिक अचम्भे में है. अब उन्हें सोचना पड़ रहा है कि जो कोरोना वैक्सीन का निर्माण वे कर रहे हैं वो तो नार्मल कोरोना इंफेक्शन की है. री-इन्फेक्शन के इस केस ने वैक्सीन तैयार करने वालों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. तो क्या अब वैक्सीन निर्माताओं को वैक्सीन निर्माण का फॉर्मूला बदलना होगा?
फोर्टिस हॉस्पिटल ने दी जानकारी
बेंगलुरु के फोर्टिस हॉस्पिटल ने रि-इंफेक्शन के इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई में ही उन्होंने इस महिला की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया था. किसी कारण से उसमे अब एक माह में ही फिर से कोरोना संक्रमण वापस आ गया है.
इम्युनिटी विकसित नहीं हो पाई
डॉक्टर्स ने जांच के बाद बताया कि यह इकलौता ऐसा मामला है जिसमें रोगी के शरीर में ऐंटीबॉडी निगेटिव पाई गई है अर्थात संक्रमण ठीक होने के बाद महिला में इम्युनिटी विकसित नहीं हो पाई. एक अन्य संभावना पर गौर करते हुए डॉक्टर्स का कहना है कि हो सकता है कि महीने भर में रोगी के शरीर में ऐंटीबॉडी खत्म हो गई होगी जिससे वायरस दुबारा उसके शरीर में प्रवेश कर गया होगा.
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