Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर देश के दिग्गज पहलवानों की ओर से यौन शोषण के आरोप लगाये जाने के बाद खेल मंत्रालय ने दिग्गज महिला बॉक्सर एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में जांच समिति नियुक्त की है जिसे 4 हफ्ते में अपनी जांच रिपोर्ट जमा करनी है. हालांकि दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने जांच समिति को लेकर अपनी नाराजगी जताई है.
इस बीच भारत के दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित आठ पहलवानों ने रेसलिंग के जगरेब ओपन से हटने का फैसला लिया है और साफ किया है कि वो टूर्नामेंट के लिये तैयार नहीं है. हालांकि अंजू ने साफ किया है कि वो चोट की वजह से यह फैसला ले रही हैं. दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता वाली नवनियुक्त निगरानी समिति ने क्रोएशिया की राजधानी में एक फरवरी से शुरू हो रही रैंकिंग सीरीज के लिए बुधवार को 36 सदस्यीय भारतीय टीम पहलवानों को चुना था.
8 पहलवानों ने हिस्सा लेने से किया इंकार
इस समिति को डब्ल्यूएफआई (भारतीय कुश्ती महासंघ) के रोजमर्रा के काम को देखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. पहलवानों ने जंतर मंतर पर तीन दिन के धरने के दौरान कहा था कि वे कुश्ती महासंघ को भंग करने और इसके प्रमुख को बर्खास्त करने तक किसी भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने टीम घोषणा के दिन अपने हिस्सा नहीं लेने के फैसले के बारे में बता दिया था. टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता दीपक पूनिया, प्रतिभाशाली युवा अंशु मलिक, बजरंग की पत्नी संगीता फोगाट, सरिता मोर और जितेंद्र किन्हा के साथ विनेश और बजरंग सभी ने बता दिया था कि वे टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे.
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने हिस्सा नहीं लेने के पीछे कारण बताया है कि वे भाग लेने के लिये शत प्रतिशत अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं. वे अब इस मामले को थोड़ा खींच रहे हैं. उन्हें भारतीय टीम में चुने जाने के बाद इसमें हिस्सा लेना चाहिए था. निश्चित रूप से यह सराहनीय कदम नहीं है.’
जांच समिति के चयन से खुश नहीं हैं पहलवान
यह भारतीय पहलवानों के लिये 2023 सत्र का पहला टूर्नामेंट है. यह वर्ष काफी व्यस्त रहेगा क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण प्रतियोगिता जैसे एशियाई खेल और 2024 पेरिस ओलंपिक क्वालीफायर भी शामिल हैं. धरने पर बैठने के कारण पहलवानों ने टूर्नामेंट से पहले अभ्यास का काफी समय गंवा दिया जिससे वे इसमें अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते. खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए इस सप्ताह के शुरू में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था. पहलवानों ने हालांकि इस पर निराशा व्यक्त की थी कि समिति का गठन करने से पहले उनकी राय नहीं ली गई.
जांच से परेशान नहीं हैं बृजभूषण शरण सिंह
पिछले सप्ताह बजरंग, विनेश और रवि दहिया सहित कई पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर तीन दिन का धरना दिया था. पहलवानों ने शरण पर तानाशाही रवैया अपनाने और जूनियर पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. पहलवानों ने हालांकि उन खिलाड़ियों की पहचान उजागर नहीं की जिनका कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया. शरण भाजपा के सांसद भी हैं. वहीं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के करीबी एक सूत्र ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह जांच शुरू होने का बेसर्बी से इंतजार कर रहे हैं ताकि वह इससे मुक्त हो सकें.
सूत्र ने कहा, ‘वह खुश हैं कि जांच हो रही है. उनका मानना है कि उनका नाम इस मुद्दे मे साफ हो जायेगा और पहलवानों की गलतफहमी भी दूर हो जायेगी. उन्होंने किसी महिला पहलवान का यौन उत्पीड़न नहीं किया है और न ही डब्लयूएफआई में कोई वित्तीय अनियमितता है. इसलिये उन्हें पूरा भरोसा है.’
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