FIFA World Cup में गोल दाग इस खिलाड़ी ने 'अपने देश' को जिताया और 'मातृभूमि' को हराया, जानिए देश प्रेम की भावुक कहानी

25 साल के फारवर्ड एंबोलो ने पांच साल की उम्र में अपने परिवार के साथ कैमरून छोड़ दिया था. उनका परिवार पहले फ्रांस में रहा लेकिन बाद में स्विट्जरलैंड में बस गया. 

Written by - Adarsh Dixit | Last Updated : Nov 24, 2022, 10:50 PM IST
  • एंबोलो ने निभाया अपनी जन्मभूमि से किया वादा
  • 5 साल की उम्र में छोड़ दिया था कैमरून
FIFA World Cup में गोल दाग इस खिलाड़ी ने 'अपने देश' को जिताया और 'मातृभूमि' को हराया, जानिए देश प्रेम की भावुक कहानी

नई दिल्ली: ब्रील एंबोलो के गोल से स्विट्जरलैंड ने गुरुवार को यहां फीफा विश्व कप के ग्रुप जी मैच में कैमरून को 1-0 से हरा दिया. 

एंबोलो ने निभाया अपनी जन्मभूमि से किया वादा

एंबोलो ने भले ही स्विट्जरलैंड को महत्वपूर्ण जीत दिलाई हो लेकिन उन्होंने अपने इस वादे को निभाया कि अगर वह उस देश के खिलाफ गोल करेंगे जहां उनका जन्म हुआ तो वह इसका जश्न नहीं मनाएंगे. एंबोलो ने 48वें मिनट में गोलमुख के सामने मिले शेरडन शकीरी के पास को दाएं पैर से दनदनाता हुआ शॉट लगाकर गोल में पहुंचाया. 

एंबोलो ने गोल करने के बाद अपने दोनों हाथ फैला दिए और जब टीम के उनके साथी जश्न मनाने के लिए उनकी तरफ दौड़े तो उन्होंने अपने दोनों हाथ मुंह पर रख लिए. उन्होंने अल जेनोब स्टेडियम में गोल के पीछे मौजूद स्विट्जरलैंड के प्रशंसकों और फिर विपरीत गोल के पीछे मौजूद कैमरून के प्रशंसकों की ओर इशारा किया. 

5 साल की उम्र में छोड़ दिया था कैमरून

25 साल के फारवर्ड एंबोलो ने पांच साल की उम्र में अपने परिवार के साथ कैमरून छोड़ दिया था. उनका परिवार पहले फ्रांस में रहा लेकिन बाद में स्विट्जरलैंड में बस गया. वह दूसरी बार विश्व कप में स्विट्जरलैंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. अफ्रीका में जन्में खिलाड़ी ने भले ही गोल किया हो लेकिन अफ्रीका की टीमें चार मैच खेलने के बावजूद अब तक मौजूदा विश्व कप में कोई गोल नहीं कर पाई हैं. इन सभी टीम ने अपने से बेहतर रैंकिंग वाली टीम के खिलाफ मुकाबले खेले हैं. 

मोरक्को और ट्यूनीशिया ने तो क्रमश: क्रोएशिया और डेनमार्क को गोल रहित बराबरी पर रोका. इस हार के साथ विश्व कप फाइनल्स टूर्नामेंट में कैमरून की हार का सिलसिला आठ मैच तक पहुंच गया. यह क्रम 2002 से चला आ रहा है. 

कैमरून ने गंवाया गोल करने का मौका

दोनों टीमों ने मुकाबले की धीमी शुरुआत की. कैमरून ने 10वें मिनट में गोल करने का स्पष्ट मौका गंवा दिया. स्विट्जरलैंड के सेंट्रल डिफेंडर्स के ऊपर से सीधा पास कार्ल टोको एकांबी के पास पहुंचा लेकिन वह सिर्फ 10 मीटर की दूरी से शॉट को गोल के ऊपर से बाहर मार बैठे. दोनों टीमों ने पहले हाफ में अधिक मौके नहीं बनाए और रक्षात्मक खेल को तरजीह दी जिससे मध्यांतर तक स्कोर गोल रहित बराबरी पर रहा. दूसरे हाफ की शुरुआत में ही एंबोलो ने स्विट्जरलैंड को बढ़त दिला दी. 

बाएं छोर से बने मूव के बाद गेंद दाएं छोर पर शकीरी के पास पहुंची जिन्होंने इसे एंबोलो तक पहुंचाया और इस फारवर्ड ने गोल दागने में कोई गलती नहीं की. कैमरून ने स्विट्जरलैंड पर दबाव डाला. मैच के 66वें मिनट में आंद्रे-फ्रैंक जांबो एंगुइसा के हैडर को स्विट्जरलैंड के गोलकीपर यान सोमर ने आसानी से बचा लिया. 

स्विट्जरलैंड ने इसके कुछ देर बाद एक और मूव बनाया जो एंबोलो के गोल वाले मूव की तरह ही था लेकिन इस बार कैमरून के गोलकीपर आंद्रे ओनाना ने रूबेन वर्गास के शॉट को बचा लिया. खेल से पहले कैमरून के महान खिलाड़ी रोजर मिला को मैदान पर उतारा गया. इस दौरान 1990 के विश्व कप में उनके गोलों का एक वीडियो भी प्रशंसकों को दिखाया गया. 

कैमरून उस विश्व कप में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली पहली अफ्रीकी टीम बना था. मिला के साथ कैमरून के महानतम खिलाड़ी सैमुअल इटो’ओ भी शामिल हुए जो अब इस देश के फुटबॉल महासंघ के प्रमुख हैं. कैमरून ने पिछली बार विश्व कप में 2002 में जब सऊदी अरब के खिलाफ 1-0 से जीत दर्ज की थी तब एकमात्र गोल इटो’ओ ने ही दागा था. 

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