IND vs AUS, 3rd Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज का लगातार तीसरा मैच महज 3 दिन के अंदर खत्म होने की कगार पर है. हालांकि इस बार पहले दो मैचों में जीत हासिल करने वाली भारतीय टीम हार की दहलीज पर खड़ी नजर आ रही है. भारतीय टीम ने पहली पारी में 109 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में सिर्फ 163 रन का स्कोर खड़ा किया तो वहीं पर पहली पारी में 87 रनों की बढ़त हासिल करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को जीत के लिये बस 76 रन की दरकार है.
दो दिन में गिरे 30 विकेट
आंकड़े भले ही भारतीय टीम को हार की कगार पर दिखा रहे हों लेकिन तेज गेंदबाज उमेश यादव को लगता है कि उनकी टीम अभी भी इस मैच में जीत हासिल कर सकती है. उल्लेखनीय है कि इदौर टेस्ट मैच के पहले दिन 14 विकेट गिरे थे जबकि दूसरे दिन 16 विकेट गिरे हैं. ऐसे में तीसरे दिन एक बार फिर से विकेटों की झड़ी देखने को मिलती है जिसके चलते भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव को लग रहा है कि उनकी टीम के पास अभी भी जीत की उम्मीद बाकी है.
पिच के चलते उमेश को अभी भी जीत की उम्मीद
उल्लेखनीय है कि इंदौर की पिच से स्पिनरों को काफी टर्न मिल रहा है जबकि असमान उछाल ने बल्लेबाजों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. नाथन लियोन ने दूसरे दिन दूसरी पारी में आठ विकेट चटकाए जिससे उनकी टीम भारत में यादगार जीत दर्ज करने के करीब है.
उमेश ने स्वीकार किया कि उनकी टीम ने पर्याप्त रन नहीं बनाए लेकिन फिर भी उनकी टीम के पास मौका रहेगा. गुरुवार सुबह तीन विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को जल्द समेटने में अहम भूमिका निभाने वाले उमेश ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, ‘क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और स्टीक लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करेंगे. यह आसान विकेट नहीं है, फिर चाहे बल्लेबाज हमारे हों या उनके. क्रीज से बाहर निकलकर शॉट खेलना आसान नहीं है. गेंद नीची भी रह रही है इसलिए आप क्रीज से बाहर निकलने को लेकर सुनिश्चित नहीं होते. रन कम हैं लेकिन हम सटीक लाइन पर गेंदबाजी करेंगे और जितना अधिक हो सकते मुकाबले को आगे तक खींचेंगे.’
उमेश ने बताया अपनी अच्छी गेंदबाजी का राज
भारत स्वदेश में सिर्फ दो तेज गेंदबाजों के साथ उतरता है और ऐसे में उमेश को नियमित रूप से खेलने का मौका नहीं मिला. गुरुवार को सुबह के सत्र में उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट चटकाए जिससे ऑस्ट्रेलिया ने अपने अंतिम छह विकेट सिर्फ 11 रन पर गंवाए और टीम 197 रन पर आउट हो गई. उमेश ने कैमरन ग्रीन को पगबाधा करने के बाद मिशेल स्टार्क और टॉड मर्फी को बोल्ड किया.
उन्होंने कहा, ‘इस पिच पर मेरी योजना सीधे स्टंप पर गेंदबाजी करने और एक या दो विकेट हासिल करने की थी. एक तेज गेंदबाज के रूप में मुझे पिच पर गेंद पटकनी थी और सही क्षेत्र में गेंद करानी थी. मैंने अपना अधिकांश क्रिकेट भारत में ही खेला है और इसलिए मेरी मानसिकता हमेशा विकेट चटकाने की होती है.’
विकेट फेंकने को लेकर उमेश यादव ने दी सफाई
बल्लेबाजी करते हुए उमेश यादव उपयोगी रन नहीं जोड़ पाए क्योंकि वह और मोहम्मद सिराज दोनों बड़े शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो गए. उमेश ने कहा कि इस तरह की पिच पर निचले क्रम के बल्लेबाज के लिए रक्षात्मक होकर खेलने से बेहतर आक्रामक बल्लेबाजी करना होता है.
उन्होंने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो मुझे कोई संदेश (आक्रामक बल्लेबाजी करने को लेकर) नहीं मिला था. मेरा काम इस मुश्किल विकेट पर रन बनाना था. यहां रन बनाना मुश्किल है. मुझे लगता है कि डिफेंस करके आउट होने से बेहतर है कि इस तरह के विकेट पर शॉट खेलो. अगर मैं 10 से 20 रन भी बनाता तो बढ़त 90 रन तक पहुंच जाती. यह मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण था.’
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