IND vs SL,2nd T20I: भारत और श्रीलंका की टीम के बीच खेली जा रही 3 मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मैच पुणे के मैदान पर खेला जाना है जिसके पहले मैच में भारतीय टीम ने 2 रन से जीत हासिल कर सीरीज में 1-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है. पहले मैच में भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले दीपक हुड्डा ने दूसरे टी20 मैच से पहले कहा कि वो टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने की मुश्किलों को समझते हैं और उन्होंने किसी भी मैच में विकेटों के जल्द गिरने के लिए खुद को तैयार किया है जैसा श्रीलंका के खिलाफ पहले टी20 में भारत की दो रन की जीत के दौरान हुआ.
अंतर्राष्ट्रीय दबाव को अच्छे से समझते हैं हुड्डा
उल्लेखनीय है कि पहले टी20 मैच में जब दीपक हुड्डा क्रीज पर उतरे थे तब भारत 77 रन पर चार विकेट गंवाकर संकट में था. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने इसके बाद 23 गेंद में चार छक्कों की मदद से 41 रन बनाकर भारत को 162 रन तक पहंचाया. हुड्डा को उनकी इस पारी के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया. यह पूछने पर कि जब वह पारी के अहम चरण में बल्लेबाजी करने आए तो क्या उन पर दबाव था.
इसके जवाब में हुड्डा ने कहा, ‘मेरे दिमाग में यह बिल्कुल स्पष्ट था कि अगर हम जल्दी विकेट गंवाते हैं तो हमें एक साझेदारी बनानी होगी. जब आप निचले क्रम में छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे हों तो ऐसी स्थिति के लिए एक क्रिकेटर होने के नाते आपको तैयार रहना होगा. जल्दी विकेट कभी भी गिर सकते हैं. (लेकिन) मुझे नहीं लगता कि हमने जल्दी काफी विकेट गंवाए क्योंकि हम अच्छी स्थिति में थे. हां, हमने एक या दो अतिरिक्त विकेट गंवाए लेकिन मुझे लगता है कि यही छठे या सातवें नंबर के बल्लेबाज की भूमिका है (क्रीज पर उतरकर आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी करना), फिर चाहे यह आपका पहला मैच हो या दूसरा). यह एक अच्छी जीत है.’
अच्छे फिनिशर की भूमिका निभाना जरूरी
हुड्डा को लगता है कि उन्हें स्थिति का सम्मान करना था और उसी के अनुसार खेलना था, लेकिन जिस क्रम पर वह बल्लेबाजी कर रहे हैं वहां अधिकांश समय उन्हें अच्छे फिनिशर की भूमिका निभानी होगी.
हुड्डा ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘आपको जिस तरह का विकेट मिलता है, आपको उसी के अनुसार खेलना होता है. आपको टीम को एक अच्छा स्कोर देना होता है और एक बल्लेबाज होने के नाते मेरे दिमाग में यही चल रहा था. छठे नंबर का बल्लेबाज होने के नाते आपको मैच को खत्म करना होता है. इसलिए मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था.’
आखिर में रन बनाना हो गया था आसान
हुड्डा ने कहा कि स्पिनरों के शीर्ष और मध्य क्रम के बल्लेबाजों को परेशान करने के बाद वह खुलकर खेलने में सक्षम थे क्योंकि वानिंदु हसरंगा ने अपने ओवरों का कोटा लगभग पूरा कर लिया था और विकेट भी आसान हो गया था. इस आक्रामक ऑलराउंडर ने यह भी स्वीकार किया कि मेजबान टीम कुछ और रन बना सकती थी.
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में स्थिति को देखते हुए गेंद को जोर से हिट करना संभव नहीं था लेकिन यह उसका (हसरंगा का) आखिरी ओवर था और फिर उसने एक ढीली गेंद भी फेंकी. टी20 मैच में आपको गेंद को हिट करने का इरादा रखना होगा. अगर आपको सही जगह गेंद मिलती है तो आपको बड़ा शॉट खेलना होगा. मुझे लगता है कि यह मेरे खेल और साथी अक्षर पटेल के लिए सही समय था और शुक्र है कि इसे हमने अच्छी तरह से अंजाम दिया. (टीम) बैठक नहीं हुई है लेकिन हमने निश्चित रूप से 10 से 12 रन कम बनाए थे. हालांकि अंत में हमें अच्छा स्कोर मिला.’
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