नई दिल्लीः टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने भारत-इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया. 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में दूसरी पारी में गेंदबाजी करते हुए अश्विन ने पहला विकेट हासिल करते ही इतिहास रच दिया. वह अब 500 विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं.
अश्विन यह उपलब्धि हासिल करने वाले सिर्फ तीसरे ऑफ स्पिनर हैं. वह कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज भी हैं. कुंबले के नाम 619 टेस्ट विकेट दर्ज हैं. सैंतीस साल के अश्विन ने तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन यह उपलब्धि हासिल की. उन्हें यह उपलब्धि हासिल करने के लिए सिर्फ एक विकेट की दरकार थी. इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जैक क्राउली उनकी गेंद को स्वीप करने के प्रयास में हवा में उछाल गए और शॉर्ट फाइन लेग पर रजत पाटीदार ने आसान कैच लपका. अश्विन से पहले संन्यास ले चुके श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (800) और ऑस्ट्रेलिया के ऑफ स्पिनर नाथन लियोन (517 विकेट) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.
अश्विन के 500 विकेट पूरे
यह राजकोट टेस्ट अश्विन के लिए ऐतिहासिक है. इस मुकाबले में वह एक बड़ा कीर्तिमान बनाने से महज एक विकेट की दूरी पर खड़े थे. इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में ओपनर जैक क्राउले का विकेट लेने के बाद उन्होंने 500 विकेट पूरे कर लिए. अब टेस्ट क्रिकेट में अश्विन के नाम भारत की तरफ से सबसे तेज 500 टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड भी बन गया है.
सबसे तेज 500 विकेट लेने वाले भारतीय
आर अश्विन भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 500 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं. उन्होंने दिग्गज अनिल कुंबले को इस मामले में पीछे छोड़ा. विश्व क्रिकेट में सबसे तेज 500 टेस्ट विकेट लेने के मामले में श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन नंबर एक पर हैं. तीसरा नंबर भारत के अनिल कुंबले का आता है. चौथे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वार्न का नाम है.
अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट के आंकड़े को छूने वाले दुनिया के नौवें गेंदबाज हैं. वर्ष 2011 में पदार्पण करने वाले अश्विन ने अपने 98वें टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की. चेन्नई के इंजीनियरिंग स्नातक अश्विन ने शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरुआत की और ऑफ स्पिनर की भूमिका निभाने से पहले मध्यम गति की गेंदबाजी में भी हाथ आजमाया. किशोरावस्था में पीठ की चोट के कारण उन्हें स्पिन गेंदबाजी को अपनाना पड़ा.
कुंबले और हरभजन सिंह के युग के बाद अश्विन से काफी उम्मीदें थीं और उन्होंने निराश नहीं किया. उन्होंने अपने शुरुआती 16 टेस्ट मैच में नौ बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लिए और सबसे तेज 300 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. अश्विन ने छोटे प्रारूपों में भी अपनी योग्यता साबित की है. उन्होंने 116 एकदिवसीय मैचों में 156 विकेट जबकि 65 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 72 विकेट लिए हैं.
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