Govardhan Aarti: गोवर्धन महाराज को खुद गाकर सुनाएं ये आरती, खूब करें कीर्तन, जानें- महत्व से लेकर पूजा अनुष्ठान तक सबकुछ

Govardhan 2024: गोवर्धन पूजा का हिंदुओं में बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है. इस दिन को भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन को अन्नकूट के रूप में भी मनाया जाता है. इस शुभ दिन पर, भक्त भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं, भजन गाते हैं और कीर्तन करते हैं.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 2, 2024, 01:46 PM IST
  • गोवर्धन पूजा का हिंदुओं में बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है
  • कृष्ण की पूजा करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है
Govardhan Aarti: गोवर्धन महाराज को खुद गाकर सुनाएं ये आरती, खूब करें कीर्तन, जानें- महत्व से लेकर पूजा अनुष्ठान तक सबकुछ

Govardhan Maharaj Aarti: हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का बहुत बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है. इस त्यौहार को अन्नकूट के रूप में भी मनाया जाता है. यह दिन भगवान कृष्ण के नाम का कीर्तन करने को भी विशेष दिन है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 2 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा की जाएगी.

गोवर्धन महाराज की आरती

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो

तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,

तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,

तोपे चढ़े ( जय हो )

तोपे चढ़े ( जय हो )

तोपे चढ़े दूध की धार, हां धार,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो

तेरे कानन कुंडल साज रहे,

तेरे कानन कुंडल साज रहे,

ठोड़ी पे ( जय हो )

ठोड़ी पे ( जय हो )

ठोड़ी पे हीरा लाल, हां लाल,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो

तेरे गले में कंठा सोने को,

तेरे गले में कंठा सोने को,

तेरी झांकी ( जय हो )

तेरी झांकी ( जय हो )

तेरी झांकी बनी विशाल, हां विशाल,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो

तेरी सात कोस की परिक्रमा,

तेरी सात कोस की परिक्रमा,

और चकले ( जय हो )

और चकले ( जय हो )

और चकलेश्वर विश्राम, हां विश्राम,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो

गोवर्धन 2024: तिथि और समय
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 1 नवंबर, 2024 - 06:20 अपराह्न प्रतिपदा तिथि समाप्त - 2 नवंबर, 2024 - 08:21 अपराह्न

प्रातः पूजा मुहूर्त - प्रातः 06:33 बजे से प्रातः 08:55 बजे तक सायंकालीन पूजा मुहूर्त - अपराह्न 03:22 बजे से सायं 05:34 बजे तक

Govardhan Puja 2024: महत्व
गोवर्धन पूजा का हिंदुओं में बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है. इस दिन को भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन को अन्नकूट के रूप में भी मनाया जाता है. इस शुभ दिन पर, भक्त भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं, भजन गाते हैं और कीर्तन करते हैं. इस खास दिन पर गायों की भी पूजा की जाती है.

गोवर्धन का त्यौहार मुख्य रूप से मथुरा में मनाया जाता है जहां गोवर्धन पर्वत है और लोग उस पर्वत की परिक्रमा करते हैं और इस अनुष्ठान को आमतौर पर गोवर्धन परिक्रमा के रूप में जाना जाता है.

गोवर्धन पूजा 2024: पूजा अनुष्ठान
1. भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पवित्र स्नान करते हैं.
2. वे सबसे पहले अपने घर और उस स्थान को पूरी तरह से साफ करते हैं जहां वे गाय के गोबर से भगवान कृष्ण की छवि बनाना चाहते हैं.
3. सफाई के बाद, गाय के गोबर को घर पर लाएं और गोवर्धन पर्वत के साथ भगवान कृष्ण की एक सुंदर छवि बनाएं.
4. देसी घी का दीया जलाएं, रोली से तिलक करें और मौली, खील बताशे, मिठाई, फल चढ़ाएं.
5. इस शुभ दिन पर, अन्नकूट तैयार किया जाता है और यह मिक्स वेजिटेबल और कढ़ी चावल का मिश्रण होता है. यह विशेष भोग प्रसाद भगवान कृष्ण को चढ़ाया जाता है और यह उत्तर भारत में प्रसिद्ध है.
6. यह त्योहार इंद्र पर भगवान कृष्ण की जीत का जश्न मनाता है इसलिए इस दिन को भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है.
7. लोग शाम को अपने घर को दीयों और रोशनी से रोशन करते हैं.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़