नई दिल्लीः Old Pension Scheme: देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए मुखर हैं. वे समय-समय पर ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहते हैं. यही वजह है कि राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी पुरानी पेंशन लागू करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं.
पुरानी पेंशन योजना बन चुका है चुनावी मुद्दा
हालांकि, पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बहस राजस्थान से शुरू हुई, जहां कांग्रेस शासित सरकार ने इसे दोबारा लागू करने का ऐलान किया. राजस्थान के बाद गैर बीजेपी शासित कुछ राज्यों में इसे लागू करने को लेकर होड़ मची. यही नहीं यह चुनावी मुद्दा भी बन चुका है. राजनीतिक दल चुनाव में पुरानी पेंशन को बहाल करने का वादा कर रहे हैं.
'महाराष्ट्र सरकार पुरानी पेंशन के बारे में सकारात्मक'
इसी कड़ी में अब बीजेपी शासित राज्य महाराष्ट्र से भी पुरानी पेंशन योजना को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर सकारात्मक है. उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा विभाग ओपीएस का अध्ययन कर रहा है.
आगामी विधान परिषद चुनावों के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार हाल में हुए दावोस शिखर सम्मेलन में निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने संबंधी विपक्ष के आरोपों का जवाब अपने काम से देगी.
ओपीएस का अध्ययन कर रहा है विभागः शिंदे
उन्होंने कहा, ‘सरकार का शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों, गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए पुरानी पेंशन योजना और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षण के बारे में सकारात्मक रुख है. शिक्षा विभाग ओपीएस का अध्ययन कर रहा है.’
वहीं, अभी ज्यादातर राज्यों में पुरानी पेंशन लागू नहीं है इसलिए अब केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठनों ने देशव्यापी आंदोलन की योजना भी बनाई है. इसके मद्देनजर 21 जनवरी को दिल्ली में एक देशव्यापी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.
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