नई दिल्लीः दुबई के 7 स्टार होटल "बुर्ज अल अरब "14 जुलाई को होम्योपैथ चिकित्सा जगत के महाकुंभ का गवाह बना. इस आयोजन में देश-विदेश के कई होम्योपैथ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. बर्नेट होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड ने इस बार वर्ल्ड होम्योपैथी समिट-2 का आयोजन बुर्ज अल अरब में किया, जिसमें होम्योपैथी चिकित्सा से जुड़े दुनियाभर के विशेषज्ञों ने भाग लिया. इस विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन-2 में भारत के कई राज्यों के अलावा 25 से ज्यादा देशों से आए होम्योपैथ चिकित्सकों का सम्मान किया गया.
इस समिट में भारत के नामचीन युवा कवि कुमार विश्वास, फिल्मी जगत के स्टार अनुपम खेर, खेल जगत के नामचीन हस्तियों में पूर्व क्रिकेटर क्रिस गेल, सनथ जयसूर्या, ब्रेट ली और जोंटी रोड्स भी शामिल हुए, साथ ही केंद्रीय मंत्री ललन सिंह उर्फ़ राजीव रंजन सिंह जी ने भी नीतीश दुबे की अगुआई में हो रहे विश्व की सबसे बड़ी होम्योपैथ समिट की सफल समापन की बधाई देते हुए कहा कि "भारत में होम्योपैथ के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए मैं सुभकामनाएं देता हु और मेरा आशिर्वाद सदैव आपके साथ है."
बर्नेट होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड की नींव बिहार के मुंगेर जिले के कल्याणपुर गांव के रहने वाले डॉ. नीतीश चंद्र दुबे ने रखी थी. होम्योपैथी चिकित्सक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. नीतीश ने बर्नेट होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड को खड़ा किया. चिकित्सा पेशे के साथ-साथ मेहनत और लोगों के प्यार और आशीर्वाद से बर्नेट होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक तक का सफर डॉ. नीतीश चंद्र दुबे ने तय किया है.
इस बार के समिट ने 2022 के बाद फिर से होम्योपैथी की दुनिया में इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने का कीर्तिमान बनाया. डॉ. नीतीश दुबे का कहना है कि होम्योपैथी भारत का अध्यात्म और जर्मनी का विज्ञान है, और उनका मानना है कि भारत होम्योपैथी में विश्वगुरु बनने जा रहा है.
बर्नेट होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड होम्योपैथिक क्लीनिकों की सबसे बड़ी श्रृंखला है. डॉ. नीतीश जी ने 2000 में अपना पहला पूर्ण होम्योपैथिक क्लिनिक शुरू किया था, और उनकी सफल उपचार कहानियों ने उन्हें देशभर में प्रसिद्ध कर दिया. इसके चलते उन्होंने दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी चिकित्सा का विस्तार किया.
डॉ. नीतीश दुबे की दृष्टि और उनकी नेतृत्व क्षमता ने इस समिट को एक महान सफलता बनाया, और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि होम्योपैथी की इस महत्वपूर्ण विधा को वैश्विक मंच पर सही पहचान मिले. भविष्य में होम्योपैथी के क्षेत्र में और भी नवाचार और शोध को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने सभी उपस्थित चिकित्सकों को प्रेरित किया, इस समिट ने होम्योपैथी के महत्व और इसके स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान को मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इस सफल आयोजन के बाद, यह समिट होम्योपैथी को एक नई दिशा देने में सफल रहा है और आने वाले वर्षों में इस तरह के और भी आयोजनों की योजना है. समिट के समापन के बाद सभी उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और होम्योपैथी के भविष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया.