लाहौर. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ खुद इमरान खान तोशाखाना केस में दोषी सिद्ध होने के बाद जेल में हैं तो वहीं पार्टी के अन्य नेताओं पर भी शिकंजा कसता जा रहा है. अब पाकिस्तान की एक अदालत ने इमरान की पार्टी तहरीक-ए-पाकिस्तान के अध्यक्ष परवेज इलाही को भ्रष्टाचार के एक मामले में 21 अगस्त राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो यानी NAB की हिरासत में भेज दिया है.
पहले से जेल में थे इलाही, जमानत मिलते ही फिर हिरासत
इस बीच PTI की तरफ से दावा किया गया है कि इलाही पर सेना की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है. उन पर दबाव है कि वह PTI का साथ छोड़ दें. 77 वर्षीय इलाही पहले से विभिन्न मामलों में जेल में है. पीटीआई का कहना है कि उन्होंने पार्टी छोड़ने से इंकार कर दिया इसलिए उन्हें जमानत मिलने के बाद दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल एक मामले में जमानत मिलने के बाद इलाही सोमवार को ही अदियाला जेल से बाहर आए थे. इसके तुरंत बाद ही उन्हें एनएबी ने गिरफ्तार कर लिया.
इलाही के बेटे ने लगाए हैं आरोप
इस बीच इलाही के बेटे ने कहा है कि 'पाकिस्तान का निर्माण एक लोकतांत्रिक आंदोलन के जरिए हुआ है और इसका स्थायी विकास भी बेहतर लोकतंत्र से ही हो सकता है. फर्जी राजनीतिक केस, झूठे आरोप और जबरन गिरफ्तारी से विकास नहीं होगा.'
इस साल के अंत में होने हैं देश में चुनाव
बता दें कि पाकिस्तान में बीते 9 अगस्त शहबाज सरकार ने इस्तफा दे दिया है और देश में कार्यवाहक प्रधानमंत्री की तलाश भी कर ली गई है. इस साल के अंत में पाकिस्तान में चुनाव होने हैं. इमरान खान के जेल में जाने के बाद माना जा रहा है पीटीआई के लिए अगले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना अब थोड़ा मुश्किल हो गया है. राजनीतिक विश्लेषकों के हवाले से आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बिलावल भुट्टो की लोकप्रियता का फायदा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) को हो सकता है.
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