नई दिल्ली. कोरोना महामारी आज के दौर में दुनिया के लिये सबसे बड़ी चुनौती है और इस चुनौती को दुनिया के हर राष्ट्र ने स्वीकार करके दिन रात एक कर दिया है ताकि कोरोना की कोई दवा मिल सके या कोरोना संक्रमण के लिये कोई वैक्सीन तैयार हो सके. यदि इस वैश्विक युद्ध में कोई योगदान होता है तो वह परोक्ष-अपरोक्ष रूप से विश्व भर की सराहना का केन्द्र होता है.
ये भारतीय व्यवसायी हैं स्टील टायकून
दुनिया भर में स्टील टायकून के नाम से बस एक ही व्यवसायी को जाना जाता है जो कि मूल रूप से भारतीय हैं किन्तु इन्ग्लैन्ड में बसे हुए हैं और इनको सभी जानते हैं लक्ष्मी नारायण मित्तल के नाम से. लक्ष्मी नारायण मित्तल ने कोरोना वैक्सीन के लिए दिये हैं 3300 करोड़ रुपये.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय किया है ये दान
भारतीय व्यवसायी मित्तल ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टिट्यूट को ये सवा तीन हजार करोड़ रुपयों का दान दिया है ताकि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय दुनिया के लिये इस महामारी का निदान ढूंढ सके. मित्तल ने वह कर दिया जो वो कर सकते थे अब इस इन्सटीट्यूट को वो करना है जो वह कर सकता है.
जेनर इन्स्टीट्यूट से हैं उम्मीदें
कोरोना के निदान को ढूंढने की दिशा में जेनर इन्स्टीट्यूट के शुरुआती प्रयासों में मिली सफलता के कारण लगातार उम्मीद की जा रही यह इंस्टिट्यूट कोरोना वैक्सीन की दिशा में जल्द ही कोई गुड न्यूज दुनिया को सुनायेगा. वास्तव में यह दिन अब बहुत दूर नहीं क्योंकि जेनर इन्स्टीट्यूट की वैक्सीन अपने अंतिम दौर में है अर्थात अब बस इसका ह्यूमन ट्रायल होना ही शेष रह गया है.
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