दुनिया की वो सबसे महफूज जेल, जहां परिंदे भी नहीं मार सकते पर, फिर कैसे भागे 3 कैदी?

वैसे तो आपने अक्सर सुना होगा कि किसी जेल से कोई कैदी फरार हो गए, हालांकि, आज हम आपको एक ऐसी जेल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता था.

Written by - Bhawna Sahni | Last Updated : Feb 5, 2025, 11:02 PM IST
    • जेल से भागे थे कैदी
    • जानें कौन सी है ये जेल
दुनिया की वो सबसे महफूज जेल, जहां परिंदे भी नहीं मार सकते पर, फिर कैसे भागे 3 कैदी?

नई दिल्ली: कोई भी शख्स कभी जेल नहीं जाना जाता, फिर चाहे उनसे कोई भी अपराध किया हो. हर जेल किसी भी व्यक्ति के लिए नर्क के कम नहीं होती. वहीं, क्या आज जानते हैं कि दुनिया में एक जेल ऐसी भी थी, जो वाकई नर्क थी. कहते हैं कि इस जेल में जो भी कैदी जाता था वो जिंदा बाहर नहीं निकलता था. हालांकि, ये मिथ भी एक दिन टूट गया. दुनिया की सबसे खतरनाक इस जेल का नाम था 'अलकाट्राज जेल'. यहां से तीन कैदियों से भागकर पूरी दुनिय के होश उड़ा दिए थे और ये विषय आज भी चर्चा का विषय रहता है.

मौत मांगते थे कैदी

ये अलकाट्राज जेल कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को के तट से दूर एक अलकाट्राज द्वीप पर स्थित था. इसे 1934 में बनाया गया था. रिपोर्ट्स की मानें तो यहां अमेरिका के सबसे खूंखार अपराधियों को कैद किया जाता था. इसे धरती का नर्क भी कहते थे. आने वाला हर अपराधी यही सोचता था कि इस जेल में भेजने से अच्छा तो उसे मौत ही दे दी जाए.

FBI का दावा

दूसरी ओर एफबीआई (FBI) मानती है कि 1962 में यहां से फ्रैंक मॉरिस, जॉन एंगलिन और क्लेरेंस एंगलिन नाम के तीन कैदी जेल तोड़कर भाग निकले थे. इसी के साथ वो मिथ भी टूट गया कि यहां से कोई जिंदा बाहर नहीं जा पाता. हालांकि, एजेंसी ने इन तीनों को कैदियों को हमेशा मृत ही माना. उधर, जॉन और क्लेरेंस के परिवार ने दावा किया कि ये दोनों भाई जिंदा है, लेकिन वो कभी भी दुनिया के सामने नहीं आए.

जेल में हुई दोस्ती

दरअसल, जॉन और क्लेरेंस एंगलिन दोनों भाई थे और अलकाट्राज जेल में सजा काट रहे थे. इसी दौरान दोनों की मुलाकात जेल के दो अन्य कैदियो फ्रैंक मॉरिस और एलन से हुई. काफी वक्त साथ बिताने के बाद चारों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई और इसी दौरान सभी ने जेल से भागने का प्लान बनाया. कहा जाता है फ्रैंक बहुत शातिर था और पिछले कई सालों से इसी जेल में कैद था. वही था जेल से भागने की प्लानिंग करने वाला मास्टर माइंड था.

भागने का जुटाया सामान

फ्रैंक जेल में पुराने वाद्य यंत्रों को सुधारने का काम करता था, जबकि एंगलिन भाई जेल में पुतले बनाने का काम किया करते थे. जब इन चारों कैदियों ने जब भागने का प्लान बनाया तो एंगलिन भाइयों ने लकड़ी और रेनकोट के टुकड़े जमा करने शुरू कर दिए. वहीं, फ्रैंक मॉरिस लोहे के टुकड़े इकट्ठे करने लगा. इतना ही नहीं, कड़ी पाबंदी होने के बावजूद इन चारों ने रसोई से कुछ चम्मच और चाकू चुराकर जमा किए. आखिरकार इनकी मेहनत रंग लाने लगी.

रात के अंधेरे में भाग गए कैदी

कई दिनों तक कड़ी मशक्कत के बाद चारों कैदियों ने एक दिन रात के अंधेरे में खारे पानी से गली दीवार में छेद कर दिया. जॉन एंगलिन, क्लेरेंस एंगलिन और फ्रैंक मॉरिस जून, 1962 में इस जेल को तोड़कर भागने में कामयाब हो गए, लेकिन इनका चौथी साथी एलन वहीं फंस गया. कहा जाता है कि उन तीनों ने जेल से जो सामान जुटाया था उससे नाव बनाकर वह समुद्र में उतरे थे. हालांकि, जेल प्रशासन का दावा है कि समुद्र का पानी इतना ठंडा होता था कि कोई भी शख्स इसमें 20 मिनट से ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकता था.

15 सालों बाद बंद हुआ केस

FBI कई सालों तक इन तीनों कैदियों के मामले में छानबीन करती रही, लेकिन कोई सबूत न मिलने पर 15 सालों बाद इस केस को बंद कर दिया. वहीं, 1963 में दुनिया की इस खतरनाक अलकाट्राज जेल को बंद कर दिया गया. इसके अलावा इस जेल से भागे उन तीनों कैदियों के बारे में कभी कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई.

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