नई दिल्ली: Sheikh Hasina Passport: भारत में रह रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है. इसका मतलब ये है कि जिस पासपोर्ट के सहारे शेख हसीना भारत आई थीं, अब वे उसे लेकर किसी दूसरे देश में नहीं जा पाएंगी. शेख हसीना को मजबूरन बांग्लादेश भी लौटना पड़ सकता है.
शेख हसीना का मुश्किल दौर
शेख हसीना की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. आइए, जानते हैं कि किस क्रम में उनकी मुश्किलें बढीं?
- प्रधानमंत्री की कुर्सी गई
- देश छोड़ना पड़ा
- ब्रिटेन जाने की इजाजत नहीं मिली
- धुर विरोधी मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया बने
- विरोधी खालिदा जिया फिर एक्टिव हुईं
- शेख हसीना पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए
- मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच शुरू हुई
- डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द हुआ
बिना वीजा भारत में कितने दिन रहेंगी?
जानकारों का मानना है कि शेख हसीना फिलहाल भारत में ही रहेंगी. परिस्थितियां उनके प्रतिकूल हैं, वे किसी अन्य देश में नहीं जा पाएंगी. बांग्लादेश के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट वाले व्यक्ति को बिना वीजा 45 दिन ही भारत में रहने की इजाजत है. इसलिए शेख हसीना को जल्द ही आगे का फैसला लेना होगा.
प्रत्यर्पण संधि खड़ी करेगी दिक्कतें?
भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2013 में प्रत्यर्पण संधि है. यदि भारत से बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करती है, तो इसे मजबूरन मानना होगा. प्रत्यर्पण संधि के तहत ऐसे शख्स के प्रत्यर्पण की मांग की जा सकती है, जिसका मुकदमा अदालत में चल रहा हो, फिर जिस देश में वह शख्स रह रहा है वहां से उसे प्रत्यर्पित किया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि को हो सकता है नुकसान
ऐसा दावा किया जाता रहा है कि बतौर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मानवाधिकारों का हनन किया था. विपक्षियों को जेल में डाला, विरोध की आवाज को कुचला, लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया. अब UN (संयुक्त राष्ट्र) की एक टीम बांग्लादेश पहुंचकर इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने अपनी शुरुआती जांच में शेख हसीना पर कई आरोप भी लगाए हैं.
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