भारत-बांग्लादेश के बीच शुरू हुई ये नई परियोजना, मोदी ने इसे बताया- नया अध्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना ने शनिवार को उत्तरी बांग्लादेश में डीजल की आपूर्ति करने के लिए 377 करोड़ रुपये के परिव्यय से तैयार पाइपलाइन परियोजना ‘भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन’ का उद्घाटन किया. 

Written by - Akash Singh | Last Updated : Mar 18, 2023, 09:38 PM IST
  • जानिए क्या बोले पीएम मोदी
  • दोनों देशों में शुरू हुई ये परियोजना
भारत-बांग्लादेश के बीच शुरू हुई ये नई परियोजना, मोदी ने इसे बताया- नया अध्याय

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना ने शनिवार को उत्तरी बांग्लादेश में डीजल की आपूर्ति करने के लिए 377 करोड़ रुपये के परिव्यय से तैयार पाइपलाइन परियोजना ‘भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन’ का उद्घाटन किया. इस परियोजना के बाद भारत से बांग्लादेश को डीजल आपूर्ति में खर्च कम होगा और कार्बन उत्सर्जन भी घटेगा. मोदी ने उद्घाटन के दौरान कहा कि इस पाइपलाइन से भारत-बांग्लादेश के संबंधों का नया अध्याय शुरू होगा. 

जानिए क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समय, भारत से बांग्लादेश को डीजल आपूर्ति 512 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग से की जाती है. 131.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन से असम में नुमालीगढ़ से बांग्लादेश तक हर साल 10 लाख टन डीजल की आपूर्ति की जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ परिवहन व्यय कम होगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा, “यह पाइपलाइन उर्वरक और ऊर्जा सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे कई विकासशील देशों के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.” पाइपलाइन परियोजना का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था. 

377 करोड़ की लगी लागत
दोनों देशों के बीच यह पहली सीमापार ऊर्जा पाइपलाइन है. इसे लगभग 377 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, जिसमें से 285 करोड़ रुपये बांग्लादेश में पाइपलाइन बिछाने में खर्च हुए हैं. यह राशि भारत ने अनुदान सहायता के तहत खर्च की है. इस पाइपलाइन की आधारशिला दोनों प्रधानमंत्रियों ने सितंबर, 2018 में रखी थी. नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड बांग्लादेश को 2015 से पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजना के संबंध में लगातार सुझाव देने के लिए शेख हसीना का आभार जताया और दोनों देशों के लोगों के हितों के लिए आगे भी काम करने की उम्मीद जताई. 

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उन्होंने कहा कि पाइपलाइन पर काम कोविड महामारी के बावजूद जारी रहा और इससे परिवहन व्यय में कमी आएगी. इसके साथ ही वैकल्पिक मार्ग की अपेक्षा इस मार्ग से डीजल आपूर्ति करने से कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा. उन्होंने कहा, “विश्वसनीय और टिकाऊ डीजल आपूर्ति कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी. इसका फायदा उद्योगों को भी होगा.” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इस पाइपलाइन से बांग्लादेश के विकास को गति मिलेगी और दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ने का यह बेहतरीन उदाहरण साबित होगा.” 

दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “दोनों देशों में पेट्रोलियम व्यापार एक अरब डॉलर को पार कर चुका है.” बांग्लादेश इस क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा विकास साझेदार और सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. मैत्री पाइपलाइन से दोनों देशों के बीच जारी ऊर्जा सहयोग के साथ ही बांग्लादेश के विकास, खासकर कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. इसके जरिए शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में डीजल की आपूर्ति की जाएगी. 

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