ब्रिटेन से शेख हसीना को झटका! शरण पर ठंडा रुख, अभी भारत में ही रहना होगा!

UK सरकार के सूत्रों के अनुसार, देश के पास जरूरतमंद लोगों को संरक्षण प्रदान करने का ‘शानदार रिकॉर्ड’ है, लेकिन आव्रजन नियमों के तहत किसी को ‘शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति’ देने का कोई प्रावधान नहीं है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 6, 2024, 06:09 PM IST
  • ब्रिटेन में शरण चाहती हैं शेख हसीना.
  • ब्रिटेन ने रुख नहीं किया है साफ.
ब्रिटेन से शेख हसीना को झटका! शरण पर ठंडा रुख, अभी भारत में ही रहना होगा!

नई दिल्ली. बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को ब्रिटेन से निराशा हाथ लगी है. ब्रिटेन ने शेख हसीना को शरण देने के मामले में ठंडा रुख अख्तियार किया है. हसीना को उम्मीद थी कि उन्हें ब्रिटेन से शरण मिल जाएगी. हालांकि ब्रिटेन ने शेख हसीना के तख्तापलट की संयुक्त राष्ट्र से जांच कराने की वकालत की है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लेमी ने कहा कि वह बांग्लादेश में शांति-लोकतंत्र की स्थापना चाहते हैं. 

बता दें कि हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बीच, सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्हें ब्रिटेन में कथित तौर पर शरण मांगने से पहले फिलहाल देश छोड़कर भारत जाना पड़ा. इस बीच ब्रिटेन सरकार ने हसीना द्वारा ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगने की खबरों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. गृह कार्यालय के सूत्रों ने केवल यह संकेत दिया है कि देश के आव्रजन नियम विशेष रूप से शरण लेने के लिए व्यक्तियों को ब्रिटेन आने की अनुमति नहीं देते हैं.

क्या बोले लैमी
विदेश मंत्री लैमी ने कहा-बांग्लादेश में पिछले दो हफ्तों में अभूतपूर्व हिंसा और जनहानि हुई है. थल सेनाध्यक्ष ने सत्ता हस्तांतरण के लिए एक अवधि की घोषणा की है. सभी पक्षों को अब हिंसा को समाप्त करने, शांति बहाल करने, तनाव घटाने और जनहानि को रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है. बांग्लादेश के लोग पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं. ब्रिटेन, बांग्लादेश का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भविष्य देखना चाहता है. ब्रिटेन और बांग्लादेश के लोगों के बीच प्रगाढ़ संबंध हैं और दोनों ही राष्ट्रमंडल के सदस्य देश हैं.

ब्रिटेन सरकार के सूत्रों के अनुसार, देश के पास जरूरतमंद लोगों को संरक्षण प्रदान करने का ‘शानदार रिकॉर्ड’ है, लेकिन आव्रजन नियमों के तहत किसी को ‘शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति’ देने का कोई प्रावधान नहीं है.

क्या बोले एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में संसद को बताया कि हसीना जन आंदोलन के बीच, इस्तीफा देने के बाद भारत आई हैं. उन्होंने राज्यसभा में कहा-बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने देने की मंजूरी प्रदान करने का अनुरोध किया था. उसी समय, हमें बांग्लादेश के अधिकारियों से (उनकी) उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ. वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं.

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