कौन हैं मुजतबा खामेनेई जो होंगे ईरान के नए सुप्रीम लीडर! दावा- आयातुल्लाह ने चुना अपना उत्तराधिकारी

ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने कथित रूप से अपने उत्तराधिकारी का चयन कर लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आयातुल्लाह अली खामेनेई ने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और बीमारी की वजह से अपने दूसरे बेटे मुजतबा खामेनेई को उत्तराधिकारी बनाने का निर्णय लिया है. हालांकि इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 17, 2024, 02:55 PM IST
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कौन हैं मुजतबा खामेनेई जो होंगे ईरान के नए सुप्रीम लीडर! दावा- आयातुल्लाह ने चुना अपना उत्तराधिकारी

नई दिल्लीः ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने कथित रूप से अपने उत्तराधिकारी का चयन कर लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आयातुल्लाह अली खामेनेई ने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और बीमारी की वजह से अपने दूसरे बेटे मुजतबा खामेनेई को उत्तराधिकारी बनाने का निर्णय लिया है. हालांकि इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. 

ईरान के नए सुप्रीम लीडर?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीते 26 सितंबर को ईरान की एक्सपर्ट असेंबली ने 26 सितंबर को नए सर्वोच्च नेता का चुनाव कर लिया था. अपने उत्तराधिकारी को लेकर गोपनीय तरीके से फैसला लेने के लिए खामेनेई ने असेंबली के 60 सदस्यों को कहा था. इसके बाद मुजतबा खामेनेई के नाम पर मुहर लगी और सहमति बनी. 

कौन हैं मुजतबा खामेनेई?

बीबीसी हिंदी की दिसंबर 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुजतबा खामेनेई इस्लामिक मामलों के जानकार माने जाते हैं. ईरान के मशहद शहर में पैदा हुए मुजतबा खामनेई 55 साल के हैं. 2009 में ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के बाद के विरोध प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाने के बाद वह वैश्विक सुर्खियों में आए थे. कहा जाता है कि कट्टरपंथी नेता महमूद अहमदीनेजाद की सुधारवादी नेता मीर होसैन मौसवी पर जीत के बाद सुधारवादी नेताओं ने चुनाव में गड़बड़ी का दावा किया था और करीब 2 साल तक विरोध प्रदर्शन चले थे. तब इस विरोध को दबाने के लिए मुजतबा खामेनेई ने कथित रूप से रणनीति बनाई थी. 

सरकार में शामिल नहीं हैं मुजतबा

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुजतबा खामेनेई लो प्रोफाइल जिंदगी जीते हैं. उन्होंने सरकार में कोई भी पद ग्रहण नहीं किया है. वह सार्वजनिक तौर पर काफी कम दिखते हैं. वह ईरान-इराक युद्ध में शामिल रहे थे. अमेरिका उन पर 2019 में बैन लगा चुका है. मुजतबा को करीब 2 साल से सुप्रीम लीडर बनाने की तैयारी चल रही थी. अहम निर्णयों को लेने में मुजतबा की मौजूदगी देखी गई है. 

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