नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने से इनकार कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि 50 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप पर करीबी नजर रखी जानी चाहिए, लेकिन फिलहाल इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति घोषित करने की आवश्यकता नहीं है.
आपात कालीन समिति ने जारी किया बयान
डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन समिति ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि मंकीपॉक्स के कई पहलू असामान्य थे, और हम यह मानते हैं कि, मंकीपॉक्स के खतरों पर सही से गौर नहीं किया गया है. हालांकि, समिति ने कहा कि मंकीपॉक्स कुछ अफ्रीकी देशों में अब महामारी नहीं रह गया है. समिति ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक को सर्वसम्मति से यह सुझाव देने का फैसला लिया है कि मंकीपॉक्स को इस स्तर पर वैश्विक आपातकाल की स्थिति नहीं घोषित करना चाहिए.
मंकीपॉक्स को फैलने से रोकना है जरूरी
डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स की आपातकालीन प्रकृति की तरफ इशारा किया है और कहा है कि इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है. समिति ने कहा कि प्रकोप पर करीबी नजर रखने और कुछ हफ्तों के बाद स्थिति की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है. अगर कुछ नए घटनाक्रम सामने आते हैं तो वह फिर से स्थिति का मूल्यांकन करने की सिफारिश करेगी.
बता दें कि, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधोनोम घेब्रेयेसस ने बृहस्पतिवार को उन देशों में मंकीपॉक्स के प्रसार को लेकर चिंता जताने के बाद आपातकालीन समिति की बैठक बुलाई थी, जहां पहले इस महामारी की सूचना नहीं थी.
क्या कहा WHO प्रमुख ने
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, कि मौजूका वक्त में मंकीपॉक्स तेजी से फैल रहा है. विशेष रूप से नए देशों और क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है और संवेदनशील आबादी के बीच इसके प्रसार का जोखिम बढ़ गया है, जिसमें कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.’’ मंकीपॉक्स के कारण मध्य और पश्चिम अफ्रीका में दशकों से लोग संक्रमित हुए हैं.
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