जावेद आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं. बहुत ही कम लोग जानते होंगें कि उनका असली नाम 'जादू' है. यह नाम उनके पिता द्वारा लिखी गई एक कविता की पंक्ति 'लम्हा लम्हा किसी जादू का फसाना होगा' से लिया था. बाद में उनका नाम 'जावेद' रखा गया जिसका अर्थ जादू से मेल खाता था. उनके पिता और दादा भी एक कवी और गीतकार थे.
जावेद को राजेश खन्ना की फिल्म हाथी मेरे साथी में पटकथा लेखक बनने का पहला मौका मिला था. उनकी पहली बड़ी सफलता अंदाज़ की पटकथा थी.
उसके बाद जावेद ने अधिकार, हाथी मेरे साथी और सीता और गीता आई. उन्होंने यादों की बारात, ज़ंजीर, हाथ की सफाई, दीवार, शोले, चाचा भतीजा, डॉन, त्रिशूल, दोस्ताना, क्रांति, ज़माना और मिस्टर इंडिया जैसी हिट फ़िल्में दीं.
जावेद अख्तर की फिल्म 'सीता और गीता' की शूटिंग के दौरान हनी से पहली मुलाकात हुई थी. वह एक पटकथा लेखक के रूप में और हनी फिल्म में सहायक भूमिका में काम कर रहे थे. जल्द ही दोनों के बीच बातचीत और मिलना शुरू हुआ, जिसके बाद दोनों ने जल्द ही शादी कर ली.
जावेद अख्तर और हनी, बॉलीवुड के मशहूर एक्टर फरहान अख्तर और फिल्म डायरेक्टर ज़ोया अख्तर के माता-पिता हैं. जावेद को कुछ समय बाद सहकर्मी और मशहूर एक्ट्रेस शबाना आजमी से प्यार हो गया और 1984 में दोनों ने शादी कर ली थी.
जावेद ने हाल ही में आई शारुख खान की फिल्म 'डंकी' के लिए 'निकले थे कभी हम घर से' गाना लिखा था. जिसे लोगों से खूब प्यार मिला था. जावेद ने इस गीत को लिखने के लिए 25 लाख रुपये लिये थे.
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