Himachal Pradesh News: CM सुक्खू ने HIPA का नाम पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर करने की घोषणा की है. साथ ही दृष्टिबाधित बच्चों की पेंशन बढ़ाकर 4 हजार रुपए करने की घोषणा की.
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Shimla News: हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान का मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज रोचक निरीक्षण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ पंचायती राज मंत्री अनुरोध सिंह, शिमला शहर महापौर सुरेंद्र चौहान, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी मौजूद रहे.
आज हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (HIPA) के स्थापना दिवस के 50 वर्ष पूरे होने पर संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह जी के नाम पर रखने की घोषणा की।
इस दौरान HIPA की एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। HIPA की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संस्थान के… pic.twitter.com/mVmRue6M0y
— Sukhvinder Singh Sukhu (SukhuSukhvinder) January 1, 2025
वहीं, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने उस समय देश को आर्थिक संकट से बाहर निकल जब देश बदहाली की ओर चल रहा था. मनमोहन सिंह ऐसे अर्थशास्त्र थे, जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता से देश को आर्थिक मंदी के दौर से बाहर निकाल कर खुशहाली की ओर लेकर गए.
बता दें, आज हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (HIPA) के स्थापना दिवस के 50 वर्ष पूरे होने पर सीएम ने संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह जी के नाम पर रखने की घोषणा की. इस दौरान HIPA की एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया. HIPA की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संस्थान के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी.
उन्होंने HIPA में स्पेशल एजुकेटर के तीन जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया. साथ ही प्रदेश के सभी दृष्टिबाधित बच्चों को मिलने वाली 1500 रुपए मासिक पेंशन को 27 वर्ष की आयु तक बढ़ाकर 4000 रुपए करने की घोषणा की.
वही मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकारों की देनदारियां चुकाने के लिए वर्तमान सरकार को कर्ज ही लेना पड़ता है, जिसके चलते हमने भी अपने 2 साल के कार्यकाल में अब तक ने 28000 करोड़ का कर्ज़ पुरानी सरकार की देनदारियां और ब्याज चुकाने के लिए कर्जा लिया है.
10000 करोड़ का हमने ब्याज का चुकता किया और 8000 करोड़ हमने मूलधन चुकाने के लिए कर्ज लिया. जबकि पिछली सरकार में 350 हजार करोड़ का 2022 तक जीएसटी का सेस भी आता रहा. तब भी पिछली सरकार ने फिजिकल डिफिसिट और फिजिकल प्रूडेंट के चलते आर्थिक मंदी को सुधारने की कोई कोशिश नहीं की.
उन्होंने कहा कि हर सरकार को प्रदेश हित की ओर कार्य करना चाहिए. ताकि हिमाचल प्रदेश अपने पैरों पर खड़ा हो सके. हमारी सरकार इस ओर कार्य कर रही है. ताकि हिमाचल प्रदेश 2032 तक आत्मनिर्भर हिमाचल बन सके.
रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला