Himachal Pradesh के इस कॉलेज को ग्रीन कैंपस बनान के कवायद हुई शुरू
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Himachal Pradesh के इस कॉलेज को ग्रीन कैंपस बनान के कवायद हुई शुरू

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्मारक राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय हमीरपुर को ग्रीन कैंपस की शुरू की गई है. इसके लिए हमीरपुर कॉलेज में ग्रीन केंपस, हर्बल गार्डन के साथ केमिकल वेस्ट ट्रीटमेंट गार्डन भी बनेगा. 

 

Himachal Pradesh के इस कॉलेज को ग्रीन कैंपस बनान के कवायद हुई शुरू

अरविंदर सिंह/हमीरपुर: नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्मारक राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय हमीरपुर को ग्रीन कैंपस बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. कॉलेज प्रशासन द्वारा इस कवायद के तहत परिसर में आयुष गार्डन और नवग्रह वाटिका बनाकर तैयार की गई है. कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रमोद पटियाल ने बताया कि ग्रीन कैंपस बनने से कॉलेज की रैंकिंग में भी सुधार होगा. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक की टीम भी कॉलेज परिसर में आ रही है और ग्रीन कैंपस मूल्यांकन में विशेष स्थान रखता है, जिससे कॉलेज की रैंकिंग में भी सुधार होगा.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल पीजी कॉलेज हमीरपुर जल्द ही ग्रीन कैंपस का दर्जा हासिल करेगा. इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है. इस साल कॉलेज में नैक की टीम आएगी. इस साल 2023 में कॉलेज नैक का A प्लस का दर्जा हासिल कर सके इसके लिए यहां ग्रीन कैंपस होना बहुत जरूरी है.

कॉलेज में एक आयुष हर्बल गार्डन बनाया गया है. इसके अलावा यहां लैब से निकलने वाले केमिकल वेस्ट को ट्रीट करने के लिए भी अलग से एक गार्डन बनाया जाएगा. इसके साथ ही परिसर में नवग्रह वाटिका भी बनाई गई है. इन तीनों सुविधाओं के यहां तैयार हो जाने के बाद नैक की A प्लस की मान्यता प्राप्त करने में संस्थान को आसानी होगी.

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कॉलेज कैंटीन के पास लगाए जाएंगे पेड़
हालांकि ग्रीन कैंपस बनाने को लेकर पानी की किल्लत भी सामने आ रही है, लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए कॉलेज यहां रेन हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर तैयार करके इसके जरिए पानी की सप्लाई करेगा. यहां कॉलेज कैंटीन के पास 50 से ज्यादा पेड़ लगाने का टारगेट रखा गया है. इसके अलावा पूरे कॉलेज को सुंदर बनाने के लिए आर्नामेंटल प्लांट्स भी लगाए जाएंगे. स्टूडेंट्स को खास तौर पर इन पेड़-पौधों की देखरेख का जिम्मा सौंप गया है. 

वहीं, कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रमोद पटियाल ने बताया कि इस साल नैक इस कॉलेज का दौरा करने वाली है. इसके लिए यहां ग्रीन कैंपस होना बेहद जरूरी है, जिसके लिए काम शुरू हो गया है. उम्मीद है कि संस्थान यहां इस मान्यता को हासिल कर लेगा. प्रदेश में इस कॉलेज की एक अलग पहचान रही है. इसे ग्रीन कैंपस की उपलब्धि दिलवाकर कैंपस को और बेहतर किया जाएगा.

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हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना कॉलेज 
गौरतलब है कि करीब 50 साल पुराने इस प्रदेश के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक कॉलेज से स्टूडेंट विदेश में संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं. इसकी ग्रेडिंग को उच्च स्तर पर हासिल करके इसे एक नई उपलब्धि के साथ जोड़ने का काम शुरू हो गया है. महाविद्यालय को ग्रीन कैंपस बनाने के लिए आयुष गार्डन की स्थापना बॉटनी विभाग ने की, जबकि नवग्रह वाटिका की स्थापना बीसीए, बीबीए विभाग की ओर से नौ विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे रोपित किए हैं. आयुष गार्डन में बॉटनी विभाग की ओर से 60 हजार रुपये व नवग्रह वाटिका में 20 हजार रुपये खर्च किए गए हैं. नवग्रह वाटिका में कल्पवृक्ष, कदम, पुढजीवस, झेड़ा गुलर, अम्लता, अर्जुन, परिजात, कदलीफल औषधीय पौधे लगाए गए हैं.

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