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संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश एक देवभूमि है और यहां के विभिन्न धार्मिक स्थलों में सालाना लाखों की तदाद में श्रद्धालु दर्शन करने आते है. इन विभिन्न मंदिरों में सालाना करोड़ों रुपयों के साथ-साथ बड़ी मात्रा में सोना-चांदी का चढ़ावा श्रद्धालु चढ़ाते हैं. आपको बता दें की प्रदेश में कुल 36 मंदिर ऐसे है जो सरकार के अधीन आते है. जो ट्रस्ट बनाकर उनकी देखरेख करते हैं.
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ऐसे में हिमाचल सरकार ने निर्णय किया है कि इन सरकार के अधीन मंदिरों के सोने-चांदी की चीजों को सिक्कों, बिस्कुट में कन्वर्ट करवाया जाएगा. सरकार ने इस बाबत जहां-जहां यह मंदिर है. उससे सम्बंधित जिलों के DC को निर्देश दिए हैं कि मंदिरों में रखे सोने-चांदी को सिक्कों में कन्वर्ट करने के लिए माइन एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन के साथ MoU साइन किया जाए. सरकार के इस कदम से मंदिर प्रशासन को आर्थिक बल मिलेगा.
हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक पंकज ललित ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से सरकार के अधीन वाले सभी 36 मंदिरों को एमएमटीसी के साथ एमओयू साइन करने के लिए कहा गया है. इस एमओयू के साइन होने के बाद हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में चढ़ने वाले सोने चांदी को सोने की बिस्किट और सिक्कों में बदला जा सकेगा. इसे मंदिर में आने वाले भक्तों को बेचा जाएगा और इससे एकत्रित होने वाले धन को मंदिर के विकास और निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, ऊना जिला में स्थित चिंतपूर्णी मंदिर में सबसे ज्यादा 1.98 क्विंटल सोना है, जबकि सबसे ज्यादा 72.92 क्विंटल चांदी नैना देवी मंदिर में है.
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