Bilaspur News: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एक बार फिर ममता शर्मसार हुई है. बिलासपुर की कड़कड़ाती ठंड में एक बेदर्द मां ने नवजात शिशु को सड़क किनारे छोड़ दिया. सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने शिशु को पुलिस को सौंप दिया.
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विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एक बार फिर मां की ममता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. बिलासपुर जिला के अंतर्गत मलोखर पंचायत के चडाऊ गांव में शनिवार सुबह स्थानीय लोगों ने एक नवजात शिशु को पीपल के साथ लगते पानी की कूहल में सुनसान स्थान पर पाया. वहीं बच्ची के रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हुए और नवजात शिशु को वहां से उठाया. इसके तुरंत बाद पुलिस थाना बरमाणा के अंतर्गत पुलिस चौकी खारसी में इस बात की सूचना दी, जिसके बाद चौकी से एक टीम मौके पर पहुंची और नवजात शिशु को कब्जे में लिया.
मिली जानकारी के अनुसार, नवजात बच्ची करीब 3 से 4 दिन की बताई जा रही है, जिसे जुखाला अस्पताल ले जाया गया है और वहां से शिशु की प्राथमिक जांच के बाद चिकित्सकों ने जिला अस्पताल बिलासपुर भेजा है, जहां मातृ एवं शिशु अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है. फिलहाल शिशु सुरक्षित है.
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वहीं मलोखर पंचायत प्रधान मंजू गौतम व चढ़ाऊ महिला मंडल प्रधान निर्मला देवी ने बताया कि जनवरी महीने की इतनी कड़ाके की ठंड में नवजात बच्ची को इस हालत में छोड़ने वालों पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह का कोई मामला सामने ना सके. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाही शुरू कर दी है.
बता दें, नवजात शिशु को बेसहारा सड़कों पर छोड़ने का यह पहला मामला जिला से सामने नहीं आया है, बल्कि इससे पहले भी 30 सितंबर 2024 को बिलासपुर जिला के ही बरमाणा गांव के सरकारी स्कूल के पास नवजात शिशु बेसहारा हालत में मिला था, जिसे जिला अस्पताल में उपचार के बाद बाल संरक्षण केंद्र शिमला भेज दिया गया था. इसके अलावा एक अन्य मामला 18 अगस्त 2024 को बिलासपुर जिला के घुमारवीं से सामने आया था जब एक शख्स अपने खेतों में घास लेने गया तो उसने खेत के किनारे पानी की निकासी के लिए बनाई गई नाली में एक नवजात शिशु को लावारिस हालत में पाया था, लेकिन इस नवजात शिशु की मृत्यु हो गई थी.
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बता दें, बीते छह महीने के भीतर यह तीसरा मामला सामने आया है, जब एक बेदर्द मां ने अपनी ही कोख में नौ वर्षों तक एक जीवन को पालने के बाद उसके दुनिया में आते ही उसे लावारिसों की तरह मरने के लिए सड़क और किसी कुहल के किनारे छोड़ दिया हो. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि पुलिस प्रशासन को नवजात शिशु को बेसहारा सड़कों पर छोड़ने वाले मां-बाप का पता लगाकर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लानी चाहिए ताकि मामता को शर्मसार करने वाले मामलों पर रोक लग सके.
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