Govardhan Puja 2023: दिवाली के अगले दिन यानी कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है, जिसका हिंदू धर्म में खास महत्व होता है. इस दिन लोग घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत बनाकर इसकी पूजा करते हैं. महिलाएं गोबर से तरह-तरह की आकृति के गोवर्धन बनाती हैं.
गोवर्धन महाराज को भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है. गोवर्धन की पूजा करने से कृष्ण जी का आर्शीवाद मिलता है.
आप गाय या भैंस के ताजे गोबर से अपने मन मुताबिक छोटी या बड़ी आकृति में गोवर्धन बना लें. इसके बाद इसे पीले व सफेद रंग और फूलों से सजा दें
अगर आपको कहीं से गोबर न मिले तो आप गेहूं या चावल की ढ़ेरी से भी गोवर्धन पर्वत बना सकते हैं. बता दें, अन्न से बने गोवर्धन को अन्नकूट कहा जाता है.
गोवर्धन बनाने के बाद एक साफ आसन पर बैठ जाएं और फिर इसके चारो ओर हल्दी या कुमकुम से तीन गोले बना लें.
इस घेरे के बाहर 8 दिशाओं में अलग-अलग आठ स्वस्तिक बनाएं और हर स्वास्तिक पर 'ॐ ह्रीं ह्रीं गोवर्धनाय भद्राय ऐं ऐं ॐ नमः' का जाप करते हुए फूल चढ़ाएं.
इसके बाद गोवर्धन भगवान के सामने घी का दीपक और धूप लगाएं. गोवर्धन महाराज को धूप दिखाते हुए 'ॐ ह्रीं ह्रीं गोवर्धनाय भद्राय ऐं ऐं ॐ नमः' का जाप करते हुए गोवर्धन भगवान के चारों मौली लपेटकर उसमें तीन गांठ लगा दें.
इस सब के बाद गोवर्धन को खीर पूड़ी का भोग लगाकर उसकी विधिवत पूजा करें. पूजा के बाद गोवर्धन के चारो ओर परिक्रमा करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)
ट्रेन्डिंग फोटोज़