Bailey bridge: पांवटा साहिब से आवाजाही का ये रास्ता हुआ बंद, स्थानीय लोग परेशान
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Bailey bridge: पांवटा साहिब से आवाजाही का ये रास्ता हुआ बंद, स्थानीय लोग परेशान

Paonta Sahib: हिमाचल प्रदेश के श्री रेणुकाजी नाहन रोड़ पर बना बेली ब्रिज ओवरलोड की वजह से टूटकर गिया. इस पुल के टूट जाने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है जबकि प्रशासन की ओर से अभी तक किसी वैकल्पिक मार्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. 

Bailey bridge: पांवटा साहिब से आवाजाही का ये रास्ता हुआ बंद, स्थानीय लोग परेशान

ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: श्री रेणुकाजी नाहन रोड़ पर एक लोहे का पुल टूटकर नीचे गिर गया. पुल टूटने के 36 घंटे बाद भी क्षेत्र के लोगों को कोई राहत नहीं मिल पाई है. इसके अलावा ऐसा कोई रास्ता भी नहीं बनाया गया है, जिससे आवाजाही की जा सके और न प्रशासन अभी तक यह बता पाया है कि इस ब्रिज का निर्माण कब तक हो पाएगा. 

पुल टूटने से किसान परेशान
पुल टूटने से श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र की 40 पंचायतें अलग-अलग हो गई हैं. क्षेत्र का जिला मुख्यालय नाहन और अन्य क्षेत्रों से संपर्क खत्म हो गया है. पुल टूटने से इलाके में जनजीवन भी ठहर सा गया है. स्थानीय लोगों के लिए विडंबना यह है कि अभी तक न तो वैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया है और ना ही कोई कारगर योजना पर काम शुरू हुआ है.

ऐसे में स्थानीय लोगों को पैदल ही रास्ता तय करना पड़ रहा है. पुल टूटने की वजह से सबसे अधिक समस्या नकदी फसलों को बड़ी मंडियों में पहुंचाने वाले किसानों को हो रही है. संपर्क मार्ग बंद होने की वजह से या तो फसलें खेतों में पड़ी-पड़ी खराब हो जाएंगी या फिर दोगुना भाड़ा देकर लंबे रूट से उन्हें मंडियों तक पहुंचाया जाएगा.

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दो बार पहले भी क्षतिग्रस्त हो चुका है 49 साल पुराना यह पुल  
बता दें, सिरमौर जिले का ऊपरी क्षेत्र संगडाह, हरिपुरधार, कुपवी और नोहराधार क्षेत्र से संपर्क टूट गया है. पुल टूटने का कारण उपमंडल संगड़ाह में करीब 800 बीघा भूमि पर चल रही 5 चूना पत्थर खदानों के ओवरलोड ट्रक को बताया जा रहा है. सोमवार रात भी चूना पत्थर खदान का ओवरलोड ट्रॉला पुल से गुजर रहा था, जिससे पुल टूट गया और ट्रक खड्ड में जा गिरा. करीब 49 साल पुराना यह पुल पहले भी 2 बार क्षतिग्रस्त हो चुका है. इसके बावजूद इस पुल की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. 

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क्या कहते हैं स्थानीय विधायक?
पुल की ये हालत होने के बाद भी यहां से रोजाना चूना पत्थर खदानों के 20 से 30 टन वजन के ट्रक रहे. हैरानी की बात यह है कि यह पुल सिर्फ 10 टन भार के लिए सुरक्षित था, लेकिन दो से तीन गुना वजन के ट्रक लगातार यहां से गुजरते रहे और प्रशासन मौन रहा. वहीं, स्थानीय विधायक विनय कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वैकल्पिक मार्ग और बेली ब्रिज तैयार करने के निर्देश दिए हैं. 

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