Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने अब उन लोगों के लिए बड़ा फैसला लिया है जिन पर कोरोना महामारी के दौरान कोविड 19 गाइडलाइंस का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज है.
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समीक्षा कुमारी/शिमला: कोरोना काल में महामारी से बचाव के लिए सरकार ने गाइडलाइंस जारी करते हुए उनका पालन करना अनिवार्य कर दिया था. गाइडलाइंस फॉलो न करने वाले पर कार्रवाई के भी आदेश दिए गए थे. इतनी सख्ती होने के बावजूद कुछ लोग ऐसे थे जिन्होंने सरकार द्वारा जारी की गईं गाइडलाइंन का उल्लंघन किया, जिसके बाद आदेशानुसार इनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने इसे लेकर बड़ा फैसला लिया है.
क्यों किए गए सभी मामले रद्द?
दरअसल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कोरोना काल में लोगों पर किसी भी प्रकार से दर्ज हुए केस रद्द करने का फैसला लिया है. बीते दिन एक बैठक के दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि कोविड-19 ऐसी महामारी थी जिसकी ना डॉक्टर को ज्यादा जानकारी थी और ना ही आम लोगों को इसके बारे में ज्यादा कुछ मालूम था. इसलिए सरकार ने नीतिगत फैसला करते हुए सभी लोगों पर कोविड 19 के समय दर्ज हुए केस रद्द करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक आधार पर हुए सभी केस को विड्रॉल करने की बात कही. सीएम ने कहा कि बेसहारा लोगों को सुक्खू सरकार सहारा देगी.
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सीएम सुक्खू से मिलने पहुंची निराश्रित बेटी की हुई सुनवाई
वहीं हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की रहने वाली निराश्रित बेटी बुधवार देर रात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करने राज्य सचिवालय पहुंची. इस दौरान उसने सीएम से कहा कि वह काफी समय से बालिका आश्रम में रह रही है. जहां रहने के लिए आखिरी उम्र 26 साल ही है जबकि वह अब 27 साल की हो चुकी है. ऐसे में अब वह कहां रहेगी. सीएम ने उसकी बात सुनकर अधिकारियों को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
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मुकदमे दर्ज होने को लेकर सीएम सुक्खू ने कही ये बात
सीएम ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा भाव भी शासन का अभिन्न अंग है. कोरोना काल के दौरान ऐसे बहुत से लोग थे जो रोजगार की तलाश में घर से बाहर थे. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी थे जो घर के जरूरी सामान जैसे राशन, दवाईयां या फिर किसी मजबूरी में घर से बाहर थे, लेकिन इस दौरान इन लोगों पर भी नियमों का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज हुआ.
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