हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद होंगी कई हजार सरकारी पदों पर भर्तियां
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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद होंगी कई हजार सरकारी पदों पर भर्तियां

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान होने के बाद आचार सहिंता लग गई थी, जिसके बाद प्रदेश में कई सरकारी कार्यों पर रोक लग गई. हालांकि अब धीरे-धीरे इन्हें शुरू करने की कोशिश की जा रही है. 

सांकेतिक फोटो

समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा 14 अक्टूबर को हो गई थी, जिसके बाद प्रदेश में कोड ऑफ कंडक्ट लग गया था. इसके बाद से ही प्रदेश में कई सरकारी कार्य लटक गए थे, हालांकि चुनाव निर्वाचन आयोग से कार्यों की गति न रुके इसकी अनुमति के लिए पत्र भेजे जा रहें हैं.

आचार सहिंता के चलते केंद्र से मंजूर हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तीसरा चरण भी फंस गया है. इस योजना के पहले भाग में 422 करोड़ रुपये से 440 किलोमीटर सड़कों के जीर्णोद्धार की मंजूरी मिली थी. केंद्र सरकार को लोक निर्माण विभाग ने 15 ब्लॉक से 45 डीपीआर भेजी थी. इन सड़कों के निर्माण का हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रोहड़ू में भूमि पूजन किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंबा में पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण की शुरुआत का ऐलान किया है, लेकिन अब यह परियोजना भी अटक रही है.

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ये रुका दूसरा बड़ा कार्य
दूसरा बड़ा झटका लोक निर्माण विभाग को हाल ही में नाबार्ड के तहत मंजूर हुई 40 सड़कों और चार पुलों के निर्माण फंसने को लेकर झेलना पड़ रहा है. नाबार्ड ने 223 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को हाल ही में मंजूरी दी. इस प्रोजेक्ट पर कुल खर्च का दस फीसदी हिस्सा राज्य सरकार को खर्च करना था. बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों में कुक और हेल्पर की भर्ती के आदेश दिए गए थे. इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर विभागीय कार्रवाई चल रही है, लेकिन अब इस पर भी ब्रेक लग रही है.

चुनाव आयोग से की जाएगी मुलाकात 
बिजली बोर्ड की बात करें तो जेओए आईटी के राइडर का मसला भी फंस गया है. करीब 600 कर्मचारियों को राइडर का लाभ नहीं मिल पाएगा. इसे लेकर कर्मचारियों और बोर्ड प्रबंधन के बीच वार्तालाप चल रही था. बिजली बोर्ड में दूसरा बड़ा मामला टीमेट और हेल्पर की भर्ती और पदोन्नति नियम को लेकर है. टीमेट और हेल्पर के आरएंडपी नियम अभी तक तय नहीं हो पाए हैं. बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल का कहना है कि इस संबंध में चुनाव आयोग से बात करेंगे. यह अभी प्रोसेस में है.

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वन विभाग की भर्तियों के लिए 8 दिसंबर के बाद होगा साक्षात्कार
वन विभाग ने हाल ही में प्रदेश भर में एक हजार से ज्यादा पदों को भरने का ऐलान किया है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद विभाग ने इस संबंध में अधिूसचना जारी कर दी है. यह भर्ती विश्राम गृहों में कुक और हेल्पर के तौर पर होनी हैं. विभाग ने दो नवंबर तक भर्ती के लिए आवेदन मांगें थे. इसकी प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी इनके साक्षात्कार नहीं हो सकते हैं. भर्ती प्रक्रिया आदर्श आचार संहिता के दायरे में फंस रही है. हालांकि वन विभाग ने इस भर्ती को लेकर चुनाव आयोग से मुलाकात कर चर्चा करने की बात कही है. प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भर्ती की अधिसूचना जारी हो चुकी है. चुनाव आयोग इजाजत देगा तो प्रक्रिया जारी रखेंगे और इसका परिणाम चुनाव के बाद निकाला जाएगा,

विश्राम गृह में भी होनी हैं भर्तियां
आबकारी एवं कराधान विभाग में ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी लागू नहीं हो पाएगी. इस पॉलिसी को लेकर विभाग लंबे समय से काम कर रहा है. इसके अलावा विभाग में पुलिस कर्मियों की भर्ती को लेकर भी मंजूरी दी गई थी. अब इन पदों को भरने के लिए भी कदम नहीं उठाए जा सकेंगे. हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि प्रोसेस बंद नहीं होगा. विभाग अंदरूनी रूप से इस दिशा में काम करता रहेगा. भर्ती को लेकर जरूर मामला फंसने की संभावना बनी हुई है. लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में भर्तियां होनी हैं. इसे लेकर विभाग अब आचार संहिता के खत्म होने का इंतजार कर रहा है.

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215 पत्र किए गए अप्रूव  
चीफ इलेक्टरल ऑफिसर मनीष गर्ग ने कहा कि आचार सहिंता के दौरान कोई भी नया कार्य शुरू नहीं किया जाता है, लेकिन विभागों के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अनुमति दी जा रही है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी तय करती है कि किन कार्यो को अनुमति के लिए चुनाव आयोग को भेजना है. विकासात्मक कार्य न रुकें इसके लिए अधिकतर कार्यों को अनुमति दी जा रही है. उन्होंने कहा कि अनुमति के लिए कुछ पत्र आएं हैं, जिसमे 215 अप्रूव भी कर दिए गए हैं.

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