बच्चे के पैदा होते ही माता -पिता की मुश्किलें भी बढ़ने लग जाती है. इसका अर्थ है कि मां को स्तनपान करने की चिंता सताने लगती है, कि उनके बच्चे के लिए कौन सा दूध का सही तरीका होगा.
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चंडीगढ़: मां बनना हर महिला के लिए सौभाग्य की बात है. लेकिन बच्चे के पैदा होते ही माता -पिता की मुश्किलें भी बढ़ने लग जाती है. इसका अर्थ है कि मां को स्तनपान करने की चिंता सताने लगती है, कि उनके बच्चे के लिए कौन सा दूध का सही तरीका होगा.
स्तनपान: स्तनपान स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ावा देता है और बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है. वजन घटाने में भी सहायता करता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है.
फॉर्मूला फीडिंग: फॉर्मूला फीडिंग तब किया जाता है, जब मां घर पर उपलब्ध नहीं होती है, तो परिवार का कोई सदस्य बच्चे को दूध पिला सकता है, लेकिन फार्मूला फीडिंग संक्रमण, बीमारियों और स्थितियों से स्तन के दूध के समान सुरक्षा प्रदान नहीं करता है. इस फॉर्मूला खिलाने से कब्ज और गैस जैसी पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है.
बेशक, नवजात शिशु के लिए स्तन का दूध सबसे आदर्श भोजन होता है. मां का दूध सबसे कम एलर्जी पैदा करने वाला भोजन है. बच्चे स्वाद को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं, और स्तन के दूध में प्रतिरक्षा कारक बच्चे को कुछ संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं.
फॉर्मूला फीडिंग की स्तनपान के साथ तुलना नहीं की जा सकती. फॉर्मूला फीडिंग उन मामलों में मददगार हो सकता है जहां मां पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं कर रही है या बच्चा अच्छी तरह से स्तनपान करने में सक्षम नहीं है.