राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह 17 मई को मनाया जा रहा है जिसका थीम 'Celebrate Saving Species' है.
लुप्तप्राय प्रजाति पौधे या जानवरों की वे प्रजातियां हैं जिनकी आबादी में तेजी से कमी आई है. बंगाल टाइगर, एशियाई शेर, हिम तेंदुआ, एक सींग वाला गैंडा, कश्मीरी लाल हिरण, छाता पेड़ और मालाबार लिली कुछ ऐसी प्रजातियां हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर है.
लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए 28 दिसंबर1973 को लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम पारित किया गया था. राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस स्थापना पहली बार 2006 में डेविड रॉबिन्सन और लुप्तप्राय प्रजाति गठबंधन द्वारा की गई थी, तब से ही यह दिवस हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है.
प्रजातियों के लुप्तप्राय होने के पीछे कई कारण हैं. इनमें से कुछ में निवास स्थान की हानि, अत्यधिक शिकार, अवैध शिकार और पर्यावरणीय परिवर्तन शामिल हैं.
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में जागरूकता फैलाता है,और लोगों को इन प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण करने के लिए प्रोत्साहित करता है
लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाने के लिए आप अपना फेसबुक कवर फोटो अपडेट कर सकते हैं. अपने दोस्तों और परिवार के साथ एक वन्यजीव संदेश साझा करें और पौधों व जानवरों को बचाने के लिए आवश्यक कार्य कर सकते है.
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