द्रौपदी मुर्मू ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है. द्रौपदी मुर्मू को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई है.
द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को हराकर जीत हासिल की. ऐसे में द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से पहली राष्ट्रपति बनी हैं.
मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद के रूप मे अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. इसके बाद वह धीरे-धीरे आगे बढ़ती चली गईं. पार्षद के बाद वह रायरंगपुर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की उपाध्यक्ष बनीं. इसके बाद 2013 में वह पार्टी के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी की सदस्य बनाई गईं
द्रौपदी मुर्मू ने कुसुमी तहसील के छोटे से गांव उपरबेड़ा के साधारण से स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इतना ही नहीं, द्रौपदी मुर्मू सिंचाई और बिजली विभाग में क्लर्क के पद पर भी काम कर चुकी हैं.
2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद अब द्रौपदी मुर्मू देश की महिला राष्ट्रपति बनी हैं. द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज के आदिवासी गांव उबरबेड़ा में हुआ था.
शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सैन्य व असैन्य अधिकारी मौजूद रहे.
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