Gastroenteritis disease symptoms: हिमाचल प्रदेश में आंत्रशोथ नामक बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसका मुख्य कारण दूषित पानी है. ऐसे में अब प्रदेश की सुक्खू सरकार इस पर सख्त हो गई है.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के कई गांवो में फैली आंत्रशोध बीमारी को लेकर प्रदेश सरकार एक्शन मोड़ पर नजर आ रही है. उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हमीरपुर पहुंचकर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्तिथि का जायजा लिया. बैठक के दौरान उन्होंने जल शक्ति विभाग को दूषित पेयजल योजना के साथ ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करने और एक सप्ताह के भीतर टेंडर लगाकर 31 मार्च से पहले इसे पूरा किए जाने के आदेश दिए. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को आंत्रशोध बीमारी फैलने वाले इलाकों में स्वास्थ्य टीम भेजने के भी आदेश दिए.
पेयजल स्कीम में दूषित पानी पहुंचने का बड़ा कारण है लापरवाही- मुकेश अग्निहोत्री
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि क्षेत्र में आंत्रशोध बीमारी फैलने का प्रमुख कारण पेयजल स्कीम में दूषित पानी का पहुंचना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार इस बात को भी मानती है कि पानी दूषित होने का कारण लापरवाही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए कृत संकल्प लेती है. प्रदेश में इसके बाद कभी भी इस तरह की कोई घटना न हो इसके लिए भी सरकार द्वारा प्लानिंग की जा रही है.
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जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को दिए गए सख्त आदेश
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में जल शक्ति विभाग की पेयजल स्कीम के नजदीक किसी भी तरह का खनन नहीं होने दिया जाएगा. जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि खनन करने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई जाए, जिसकी जिम्मेदारी स्कीम के एसडीओ और जेई की होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अवैध रूप से हो रहे खनन के खिलाफ काम कर रही है. जल शक्ति विभाग की स्कीमों के अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग के पुलों के नजदीक भी खनन पर कार्यवाही की जाएगी.
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बता दें, हमीरपुर में दूषित पानी पीने से करीब 1100 लोग बीमार हुए हैं. ऐसे में प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल स्कीम के सैंपल की जांच की जा रही है. लोगों से भी एहतियात बरतने की अपील की गई है. मरीजों के अलावा क्षेत्र के स्वस्थ लोगों को भी पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है. यह बीमारी किसी भी खाद्य पदार्थ और पानी से भी हो सकती है.
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