क्या है प्राचीन नैना देवी मंदिर की कहानी, यहां जाने इसका इतिहास और मान्यता
Raj Rani
Feb 02, 2025
परिचय
नैना देवी मंदिर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है, जो हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है. यह माता नैना देवी को समर्पित है और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र माना जाता है.
इतिहास
इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में राजा बीर चंद ने करवाया था. मंदिर को कई बार पुनर्निर्मित किया गया, और आज यह भव्य रूप में स्थित है.
नैना देवी मंदिर का महत्व
यह नैना देवी मंदिर देवी सती(भगवान शिव की पत्नी) को समर्पित है और इसे भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है.
धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि माता सती के नेत्र (नयन) इसी स्थान पर गिरे थे, जिससे इस मंदिर का नाम "नैना देवी" पड़ा. यह मंदिर शक्ति पीठों में से एक होने के कारण विशेष महत्व रखता है.
प्रमुख उत्सव
नैना देवी मंदिर कई हिंदू त्योहारों के भव्य उत्सव के लिए जाना जाता है. मंदिर में हर साल नवरात्रि पूजा, दिवाली, होली और जन्माष्टमी के त्योहार भी बड़े उत्साह से मनाता है.
विशेष मान्यता
माना जाता है कि माता नैना देवी की सच्चे मन से की गई पूजा भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है. यहां दर्शन करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है.
पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य
मंदिर पहाड़ों की ऊंचाई पर स्थित है जिससे यहां से सुंदर प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलते हैं. श्रद्धालु यहां आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेते हैं.
नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचें
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है और सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है.
नैना देवी मंदिर की गुफा
यह गुफा प्राचीन काल से देवी शक्ति का केंद्र मानी जाती है यहां पर देवी ने महिषासुर राक्षस का वध किया था. यह गुफा दिव्य ऊर्जा से भरपूर मानी जाती है.
Disclaimer
लेख सामान्य मानयताओं पर आधारित है. ZeePHH इसकी पुष्टि नहीं करता है.