Arshad Madani: जमीयत-उलमा-ए-हिन्द के चीफ मौलाना अरशद मदनी ने फिलिस्तीन में हो रहे बमबारी पर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा, "फिलिस्तीन के नागरिक अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि इजराइल हमला कर रहा है.
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Arshad Madani: जमीयत-उलमा-ए-हिन्द के चीफ मौलाना अरशद मदनी ने बड़ा बयान दिया है. दरअसल, उन्होंने सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले मुल्क को 'दुश्मन' करार दिया है. मदनी ने कहा, "मुल्क सिर्फ भाईचारे और मोहब्बत से ही जिंदा रहेगा, वरना आज नहीं तो कल बर्बाद हो जाएगा." मौलाना मदनी ने जमीयत के मजलिस-ए-मुंतजिमा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "सांप्रदायिकता आज किसी एक मुल्क की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या बन गयी है."
उन्होंने कहा, ''आज के हालात में फिरकापरस्त जहनियत के लोग, जो नारे लगा रहे हैं, ऐसा करने वालों को हम अपने मुल्क का दुश्मन समझते हैं. मुल्क अगर जिंदा रहेगा तो वह भाईचारे के साथ ही जिंदा रहेगा, वरना आज नहीं तो कल यह देश बर्बाद हो जाएगा.'' मदनी ने कहा, ''आज की सूरते-हाल में अगर कोई गाड़ी दूसरी से गाड़ी से जरा सी टकरा जाती है, तो कत्ल हो जाते हैं. दुश्मनी इस दर्जे तक बढ़ जाना बहुत बुरा है. यह इंसानियत की तस्वीर नहीं है. पहले तो मुल्क में ये माहौल नहीं था. इसे फिरकापरस्तों ने पैदा किया है. यह वह सूरत है जो मुल्क को तबाही की तरफ ले जा रही है.''
मौलाना मदनी ने भारत के विभाजन का जिक्र करते हुए कहा, "सांप्रदायिकता की वजह से हमारा मुल्क एक बार टूट चुका है और अगर सांप्रदायिकता बढ़ेगी तो देश को और नुकसान होगा. इंडिया को सभी मजहबों के लोगों ने एकजुट होकर आजादी दिलाई है. अकेला हिन्दू, अकेला मुस्लिम, सिख या ईसाई खड़ा होता तो वह देश को आजाद नहीं करा पाता. ये सभी की एकजुटता से हुआ.’’
वहीं, मदनी ने फिलिस्तीन में हो रहे बमबारी पर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा, "फिलिस्तीन के नागरिक अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि इजराइल हमला कर रहा है. जमीयत उलमा-ए-हिंद कोई राजनीतिक संगठन नहीं है. न हम कैंडिडेट्स खड़े करते हैं और न ही किसी पार्टी को इलेक्शन लड़ाते हैं. अगर यह गैर सियासी बुनियाद न होती तो जमीयत कबकी खत्म हो चुकी होती. यह जमीयत की दस्तूरी ताकत है. उसके हर सदस्य को यह समझना चाहिए.''
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