Owaisi on Bangladesh: मीडिया में खबरे हैं कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के घर तोड़े जा रहे हैं. उनके कारोबार को खत्म किया जा रहा है. इस पर AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने चिंता जताई है.
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Owaisi on Bangladesh: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं. वह अक्सर अल्पसंख्यकों के मुद्दों को उठाया करते हैं. ओवैसी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमला किए जाने की खबरों पर बृहस्पतिवार को चिंता जतायी और मांग की कि पड़ोसी देश में प्राधिकारी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें.
हिंदू मकानों में तोड़ फोड़
मीडिया में बृहस्पतिवार को आयी एक खबर के मुताबिक, बांग्लादेश में सोमवार को शेख हसीना सरकार के बेदखल होने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं में कम से कम 232 लोगों की मौत हो गई. देश में जुलाई मध्य में शुरू हुए आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के बाद से मृतकों की संख्या बढ़कर 560 हो गई है. ढाका में हिंदू समुदाय के दो नेताओं के मुताबिक, बांग्लादेश में हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानो में तोड़फोड़ की गई, महिलाओं का उत्पीड़न किया गया और हसीना की आवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई.
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अल्पसंख्यकों पर हमले चिंताजनक
ओवैसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले किए जाने की खबरें चिंताजनक हैं. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बांग्लादेश की सरकार और प्राधिकारियों का अल्पसंख्यकों के जीवन और संपति की रक्षा करने का कर्तव्य है." उन्होंने कहा कि ऐसी भी खबरें हैं कि देश के बहुसंख्यक समुदाय के कई लोग अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के घरों और पूजा स्थलों की रक्षा कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि बांग्लादेश में रिजर्वेशन को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. 1971 में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के परिवार वालों को नौकरी में 30 फीसद अरक्षण का प्रावधान था. इस रिजर्वेशन को खत्म करने और शेख हसीने के इस्तीफे की मांग को विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़ दिया. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के लिए प्रमुख के तौर पर नोबल इनाम याफ्ता मोहम्मद यूनुस को चुना गया है.