अफ्गानिस्तान में शनिवार को 6.3 तीव्रता का भूकंप आया. जिसके नतीजे में यहां 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. सबसे ज्यादा हेरात में नुकसान हुआ है.
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तालिबान के एक स्पीकर ने रविवार को कहा कि पश्चिमी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंपों में मरने वालों की तादाद बढ़कर 2,000 हो गई है. यह भूकंप दो दशकों में आए सबसे भयानक भूकंपों में से एक है. देश के राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने कहा कि शनिवार को पश्चिमी अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता के ताकतवर भूकंप और उसके बाद आए तेज झटकों ने दर्जनों लोगों की जान ले ली.
बताई गई तादाद से ज्यादा है तादाद
देश के सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के स्पीकर अब्दुल वाहिद रेयान ने कहा कि "हेरात में भूकंप से मरने वालों की तादाद मूल रूप से बताई गई तादाद से ज्यादा है. उन्होंने फौरन मदद की अपील करते हुए कहा, लगभग छह गांव बर्बाद हो गए हैं और सैकड़ों नागरिक मलबे के नीचे दब गए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा, “भागीदारों और मकामी अफसरों को हताहतों की तादाद बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि खोज और बचाव काम जारी है. बताया जाता है कि कुछ लोग ढही हुई इमारतों के नीचे फंसे हो सकते हैं.”
चार गावों को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
आपदा प्राधिकरण के स्पीकर के मुताबिक मोहम्मद अब्दुल्ला जान ने कहा कि हेरात प्रांत के ज़ेंडा जान जिले के चार गांवों को भूकंप और उसके बाद के झटकों से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वे ने कहा कि भूकंप का केंद्र हेरात शहर से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था. इसके बाद तीन बहुत तेज़ झटके आए, जिनकी तीव्रता 6.3, 5.9 और 5.5 थी, साथ ही कम झटके भी आए. हेरात शहर से ताल्लुक रखने वाले खश्स अब्दुल शकोर समदी ने कहा, दोपहर के आसपास शहर में कम से कम पांच मजबूत झटके आए.
तालिबान ने मांगी मदद
तालिबान ने मकामी इदारों से गुजारिश की है कि वे जल्द से जल्द भूकंप वाले इलाकों में पहुंचें ताकि घायलों को अस्पताल ले जाया जा सके, बेघरों को पनाह दी जा सके और जिंदा बचे लोगों को खाना पहुंचाया जा सके. तालिबान ने एक्स पर कहा, "हम अपने अमीर हमवतन लोगों से हमारे पीड़ित भाइयों को हर मुम्किन मदद देने के लिए कहते हैं."
पहले भी आया भूकंप
जून 2022 में, पूर्वी अफगानिस्तान के एक ऊबड़-खाबड़, पहाड़ी इलाके में एक भूकंप आया था, जिसमें पत्थर और मिट्टी-ईंटों के घर जमींदोज हो गए थे. यह भूकंप अफगानिस्तान में दो दशकों में सबसे भयानक था, जिसमें कम से कम 1,000 लोग मारे गए और लगभग 1,500 लोग घायल हो गए थे.