स्वीडन में कुरान जलाए जाने का मामला पेश आया था. इस देश के खिलाफ तुर्की ने कड़ी आपत्ति जताई थी. लेकिन अब तुर्की ने स्वीडन को नाटो में शामिल होने की इजाजत दी है.
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Turkey News: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने स्वीडन के नाटो परिग्रहण प्रोटोकॉल पर दस्तखत कर दिए. उनके कार्यालय ने यह जानकारी दी. शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोटोकॉल पर शुरुआत में संसद की समिति में चर्चा की जाएगी और फिर इसे वोट के लिए महासभा में पेश किया जाएगा. अंकारा ने पहले कहा था कि वह नाटो में फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता को तब तक मंजूरी नहीं देगा, जब तक कि दोनों देश आतंकवाद के ताल्लुक से जरूरी कदम नहीं उठाते और मुल्जिमों को प्रत्यर्पित नहीं करते.
आतंकवाद विरोधी कानून में नए संशोधन
स्वीडन में कुरान जलाने की घटनाओं पर तुर्की की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी. लेकिन फ़िनलैंड और फिर स्वीडन की नाटो सदस्यता वीटो को क्रमिक रूप से हटा लिया गया. तुर्की की संसद ने मार्च में फ़िनलैंड की नाटो बोली की तस्दीक की थी, लेकिन प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के कथित सपोर्ट की वजह से स्वीडन के लिए इसी तरह की बोली के बारे में अनिच्छुक थी. स्वीडन ने नाटो सदस्यता की प्रक्रिया में अपने आतंकवाद विरोधी कानून में नए संशोधन किए, लेकिन नॉर्डिक देश ने अभी तक तुर्की की तरफ से अनुरोधित "संदिग्ध आतंकवादियों" का प्रत्यर्पण नहीं किया है.
मुस्लिम देशों ने दी प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि इसी साल जुलाई में स्वीडन की राजधानी में कुरान जलाए जाने का मामला पेश आया था. बताया जाता है कि पुलिस की इजाजत के बाद यह हादसा पेश आया था. इस वाकिए पर तुर्की ने जबदस्त प्रतिक्रिया दी थी. इस वाकिए पर कई मुस्लिम देशों ने आपत्ति जदाई थी. इराक में कुरान जलाए जाने के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे.
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