Jaun Elia Poetry: जौन सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं हिंदुस्तान और पूरी दुनिया में अदब के साथ पढ़े और जाने जाते हैं. पेश हैं उनके कुछ मशहूर शेर.
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ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ताएक ही शख़्स था जहान में क्या
बहुत नज़दीक आती जा रही होबिछड़ने का इरादा कर लिया क्या
कौन इस घर की देख भाल करेरोज इक चीज टूट जाती है
और तो क्या था बेचने के लिएअपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं
ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों कोअपने अंदाज़ से गँवाने का
याद उसे इंतिहाई करते हैंसो हम उस की बुराई करते हैं
किस लिए देखती हो आईनातुम तो खुद से भी खूबसूरत हो
अब तो हर बात याद रहती हैग़ालिबन मैं किसी को भूल गया
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैंऔर सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
ज़िंदगी किस तरह बसर होगीदिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँकितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से
मुझे अब तुम से डर लगने लगा हैतुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या
अपना रिश्ता ज़मीं से ही रक्खोकुछ नहीं आसमान में रक्खा
आज मुझ को बहुत बुरा कह करआप ने नाम तो लिया मेरा
मुस्तकिल बोलता ही रहता हूंकितना खामोश हूं मैं अंदर से
मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन लेअब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को
एक ही हादसा तो है और वो यह के आज तकबात नहीं कही गई बात नहीं सुनी गई
मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बसख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं