9 years of Modi Govt: मुख्तार अब्बास नकवी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता और प्रवक्ता हैं. केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर भाजपा इस बात का जश्न मना रही है, और जनता के बीच अपनी उपलब्धियां गिना रही है. आईये, देखते हैं सरकार के 9 साल पूरे होने पर क्या कहते हैं, मुख्तार अब्बास नकवी.
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हम बचपन से ये सुनते आ रहे हैं कि भारत एक गरीब देश है, लेकिन पिछले 9 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के साथ जुड़े इस टैग को हटाकर फेक दिया है. इस वक्त पूरी दुनिया इस बात को तस्लीम कर रही है कि भारत तेजी से उभरती हुई एक मजबूत अर्थव्यवस्था है, लेकिन 9 साल पहले ऐसी हालत बिल्कुल नहीं थी. 9 साल पहले सिर्फ पॉलिसी पैरालाइसिस, कुशासन और भ्रष्ठाचार की बात होती थी. सरकार का इकबाल पूरी तरह ध्वस्त हो चुका था, मोदी ने उसे बहाल किया है.
एक बहुत मशहूर शेर है, "लिहाज आंख का, रिश्तों का डर नहीं होता. जब एक शख्स के हाथों में घर नहीं होता."
उस वक्त प्रधानमंत्री ऑफिस कहीं और से चल रहा था, सुपर प्रधानमंत्री कोई और था. कानून प्रोपोज कहीं और से होता था, और डिसपोज कहीं और हो रहा था. ये सारी चीजें पॉलिसी पैरालिसिस और बैड गवरनैंस का कारण बन गई थी. लेकिन इस सरकार के गुड गवरनैंस के कारण आज पूरी दुनिया में भारत की धाक और मोदी की धमक स्थापित हो चुकी है. लेकिन यहां ये बात भी साफ करना जरूरी है कि जब हम मोदी की धमक कहते हैं तो इसका मतलब ये कतई नहीं होता है कि कियी व्यक्ति विशेष की धमक, बल्कि ये धमक देश के 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की धमक है, जिसमें हिंदू भी है, मुसलमान भी है, सिख भी है और ईसाई भी है. देश के हर क्षेत्र और हर वर्ग के लोग इसमें शामिल हैं. देश में ये बहुत बड़ा परिवर्तन है.
मोदी ने पिछले 9 सालों में देश को ट्रांसफॉर्म भी किया, रिफार्म भी किया और परफॉर्म भी किया है. देश में कुछ ऐसे मामले थे, जो सालों से लंबित थे, जिनका समाधान किया जाना देश और समाज दोनों के हित में था, लेकिन किसी पूर्ववर्ती सरकारों के पास इसका कोई समाधान नहीं था. मोदी सरकार ने उन समस्याओं का समाधान किया. कोई सोच भी नहीं सकता था कि कश्मीर से धारा 370 को समाप्त भी किया जा सकता है, लेकिन मोदी की सरकार ने ये काम करके दिखाया. इसके अलावा राम मंदिर का मामला लंबे अरसे से चला आ रहा था, और समाज में विवाद का एक बड़ा कारण बनता था, मोदी के शासन में कोर्ट ने उसका समाधान किया, जिसके फैसले को सभी ने सहर्ष और शालीनता के साथ स्वीकार किया. इसमें भी खास बात ये थी कि इसमें न जीत पर किसी ने जश्न मनाया न हार पर कियी तरह का हाहाकार मचा, मोदी शासन की यह सबसे बड़ी उपलिब्ध है.
मोदी सरकार ने समाज के आखिरी पैदान पर खड़े व्यक्ति की आंखों में खुशी लाने का काम किया है, जबकि इस सकरार का पिछले 9 सालों का कामकाज कोई सामान्य नहीं रहा है. यह संकटों से भरा साल रहा है. इस दौरान देश में भूकंप आया, तूफान आया, कोरोना का संकट आया, लेकिन सरकार ने मजबूती के साथ इन संकटों का सामना किया और उनपर विजय हासिल किया है.
जब दुनिया में 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू नाम की महामारी आई थी, तो भारत में तब 2 करोड़ लोगों की मौत हुई थी, जबकि उस वक्त मुल्क की आबादी सिर्फ 30 करोड़ थी. लेकिन जब देश में कोरोना की महामारी आई तो देश की आबादी 130 करोड़ के आसपास थी. इसके बाद भी सरकार ने लोगों के जान की हिफाजत के लिए सभी जरूरी कदम उठाए और इस वजह से हमारे यहां मौतें काफी कम हुई, जबकि दुनिया के छोटे-मोटे कम आबादी वाले मुल्कों में कोविड के कारण भारत से भी ज्यादा मौतें हुई हैं.
जब स्पेनिश फ्लू से देश में दो करोड़ लोगों की मौत हुई थी, उनमें 80 फीसदी से ज्यादा लोग भूखमरी के कारण मर गए थे, लेकिन मोदी सरकार की कुशल नीति के कारण कोरोना की महामारी में सरकार ने दवा के साथ-साथ लोगों को अनाज भी मुहैया कराया ताकि उनकी जान बची रहे. सरकार ने कुल 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया, जो अभी भी जारी है.
दिल्ली में सत्ता के गलियारे में सत्ता के दलालों की नाकेबंदी कर उसमें तालाबंदी की गई. पहले की सरकार में जो सत्ता के साथ-साथ पैरलल नेशनल और इंटरनेशनल लाइजनिंग केंद्र बन गए थे, मोदी सरकार ने उनका खत्म कर दिया. लाल बत्ती की धाक और धमक पर रोक लगाकर वीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया गया.
आज विपक्ष भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि उनकी मोदी को हटाने की लड़ाई सामान्य नहीं है. वह कह रहे हैं कि हम मोदी हटाएंगे और जनता कह रही है कि हम मोदी को लाएंगे. ये परिवार और अवाम की लड़ाई है, अब आने वाला वक्त बताएगा कि कौन किस पर भारी पड़ रहा है. लेकिन एक बात जो बेहद जरूरी है, वह ये है कि मोदी सरकार ने भारत में सरकार और शासन की संस्कृति बदल दी है. आज भारत के बाहर के देशों और लोगों में भारत और यहां की अवाम को लेकर नजर और उनका नजरिया दोनों बदला है. हमारी तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और ग्रोथ रेट आने वाले दिनों में चाइना को भी पीछे छोड़ देगी, जबकि आप हमारे पड़ोसी मुल्क की हालत देख लें, वहां आतंक के अखाड़े में आटे की भी आफत पड़ी हुई है. इस देश में किसी भी समस्या का असर आम लोगांं पर नहीं पड़ने दिया गया है.
आज से 9 साल पहले को आप याद करें, तो पाएंगे कि कोई दिन ऐसा नहीं होता था, जहां दंगे और फसाद नहीं होते थे. देश के हर हिस्से में आतंकी धमाके कर रहे थे. लोगों की हत्याएं कर रहे थे, लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद ये सब बंद हो गया है. खास बात ये है कि आतंकवादियों को अब इस बात का एहसास हो गया है कि मोदी सरकार में अगर हम कुछ करते हैं तो सरकार बिल से बाहर निकालकर इसका बदला लेगी. सर्जिकल स्ट्राइक में दुनिया इसका नमूना देख चुकी है..
आज ये हमारे लिए बहुत फख्र की बात है कि हम जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं. मोदी ने कहा था कि हम किसी से आंखे दिखाकर बात नहीं करेंगे बल्कि आंख से आंख मिलाकर बात करेंगे. और इसी का नतीजा है कि पूरी दुनिया आज मोदी के आगे नतमस्तक है. ये भारत के हर नागरिक के लिए गौरवांवित करने वाली बात है.
मोदी ने वोटों की ठेकेदारी को समावेशी विकास की हिस्सेदारी से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. वोटों की सांप्रदायिक राजनीति को खत्म कर दिया है. इसी का नतीजा है कि आज समाज का हर वर्ग तरक्की का बराबर का भागिदार बन रहा है. जम्मू-कशमीर के लोग अब वहां की तरक्की में और सरकार में बराबर के पार्टनर हैं, जबकि धारा 370 हटाए जाने के पहले जब संसद में कोई कानून बनता था, तो उसमें लिखा जाता था कि यह जम्मू और कश्मीर को छोड़कर सारे देश में लागू होगा. सरकार ने जम्मू-कश्मीर में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास को देश के अन्य हिस्सें से अलग रहने की बीमारी को दूर कर दिया है, और इस प्रदेश को विकास के मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है. यह देश में बड़ा बदलराव है. एक शेर है.. कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे में ढल गए.. कुछ लोग थे जो वक्त के साचे को बदल गए. मोदी ने वक्त के साथ समाज में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है.
लेखकः मुख्तार अब्बास नकवी
लेखक भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता हैं. यहां व्यक्त विचार उनके निजी विचार हैं.
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