Rajya Sabha: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की आलोचना की है, दरअसल जिस वक्त प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब दे रहे थे इस दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा किया और राज्यसभा से वॉकआउट कर लिया.
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Rajya Sabha: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को विपक्ष की आलोचना की है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे. इसी दौरान विपक्ष की ओर से भारी हंगामा किया गया. धनखड़ ने कहा कि वह विपक्ष के कृत्य की निंदा करते हैं और उन्होंने कहा कि उन्होंने "संविधान की शपथ का अपमान किया है."
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष के नेता को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दिए जाने पर कांग्रेस के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सदन से वाकआउट कर दिया. विपक्ष के वॉकआउट के बाद सभापति ने राज्यसभा में कहा, "मैंने उनसे आग्रह किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी व्यवधान के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए. आज उन्होंने सदन को पीछे नहीं छोड़ा, उन्होंने गरिमा को पीछे छोड़ा है. आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई, उन्होंने भारत के संविधान को पीठ दिखाई. उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया, उन्होंने संविधान की शपथ का अपमान किया जो उन्होंने ली थी."
उन्होंने आगे आरोप लगाया, "भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता... मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं... यह एक ऐसा अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है. उन्होंने भारतीय संविधान की भावना का अपमान किया है; उन्होंने जो शपथ ली थी, उसका उन्होंने अनादर किया है."
राज्यसभा के सभापति ने विपक्षी सांसदों को यह भी याद दिलाया कि संविधान "हाथ में पकड़ने की चीज़ नहीं है; यह जीवन जीने की किताब है." उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष आत्मनिरीक्षण करेगा और कर्तव्य के मार्ग पर चलेगा. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के दौरान हस्तक्षेप करना चाहते थे.
हालांकि, सभापति धनखड़ ने उनके अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने नारे लगाए और खड़गे को बोलने की अनुमति देने की मांग की. हालांकि, पीएम मोदी ने नारेबाजी के बीच अपना भाषण जारी रखा.