Sonia Gandhi Letter to Raebareli: सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को खत लिखा है. जिसमें उन्होंने अवाम का शुक्रिया अदा किया है, और साथ ही कहा है कि वह उनके परिवार को आगे भी सपोर्ट करते रहें. पढ़ें पूरी खबर
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Sonia Gandhi Letter to Raebareli: सोनिया गांधी ने राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया है. जिसके बाद अब उन्होंने रायबरेली की जनता को एक लेटर लिखा है, जिसमें वह बरेली की जनता का शुक्रिया अदा करती दिख रही हैं. उन्होंने कहा, "मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मैं आज जो कुछ भी हूं, आपकी वजह से हूं और मैंने हमेशा आपके विश्वास का सम्मान करने की पूरी कोशिश की है. अब स्वास्थ्य और उम्र के मुद्दों के कारण, मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी."
उन्होंने आगे कहा,"इस फैसले के बाद मुझे सीधे तौर पर आपकी सेवा करने का मौका नहीं मिलेगा, लेकिन मेरा दिल और आत्मा हमेशा आपके साथ रहेगी. मुझे पता है कि आप भविष्य में भी मेरे और मेरे परिवार के साथ खड़े रहेंगे, जैसा कि आप अतीत में करते थे." बता दें, अटकलें लगाई जा रही हैं कि सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा इस बार रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं.
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भविष्य में उत्तर प्रदेश के साथ पार्टी के औपचारिक "संबंध" पर सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस को रायबरेली खोने का डर है. उन्होने कहा,"इस नामांकन से एक बात साफ है कि गांधी परिवार का अब उत्तर प्रदेश के साथ औपचारिक रूप से कोई संबंध नहीं रहेगा...उत्तर प्रदेश ने परिवार को राजनीतिक रूप से पोषित किया. पहले, वे अमेठी हार गए और अब उन्हें पता चला है कि शायद वे जा रहे हैं."
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के लिए मजबूत मैदान हुआ करते थे. हालाँकि, पार्टी नेता राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना लोकसभा क्षेत्र भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए.
इससे पहले बुधवार को राजस्थान बीजेपी के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था. लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा,"कांग्रेस पार्टी पांच साल से राजस्थान पर शासन कर रही है और लोगों, खास तौर पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार कर रही है. राजस्थान महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में नंबर एक स्थान पर पहुंच गया है. सोनिया गांधी ने इस पर चुप्पी बनाए रखी. गंभीर विफलताओं के बावजूद वह राजस्थान सरकार की रक्षा करती रहीं.