UP News: यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ से अनबन के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जेरी नड्डा से मुलाकात की है. इस मीटिंग के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर
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UP News: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. पार्टी लोकसभा चुनावों में अपने खराब प्रदर्शन के बाद अपनी रणनीति पर काम कर रही है. इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके मतभेद साफ दिखाई दे रहे हैं.
जेपी नड्डा के साथ इस मीटिंग के बाद नई दिल्ली में मौजूद बीजेपी मुख्यालय से बाहर निकलते वक्त केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से कोई टिप्पणी नहीं की. बीजेपी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख भूपेंद्र सिंह चौधरी से भी मुलाकात कर सकते हैं.
हालांकि बैठकों के एजेंडे पर अभी कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन केशव मौर्य की जेपी नड्डा के साथ मीटिंग रविवार को राज्य पार्टी की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में उनकी "संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है" टिप्पणी के बाद हुई है.
नड्डा ने भी उस प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया जिसमें योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में चुनावी हार के लिए "अति आत्मविश्वास" को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि बीजेपी विपक्षी भारतीय ब्लॉक के अभियान का प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं कर सकी.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, केशव मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच रिश्तों में खटास की चर्चा लंबे समय से चल रही है. निजी बातचीत में, राज्य के कई भाजपा नेता, जिनमें लोकसभा चुनाव हारने वाले नेता भी शामिल हैं, मुख्यमंत्री की कार्यशैली की आलोचना करते रहे हैं और इसे अपनी हार का एक कारण बताया है.
हाल ही में खत्म हुए आम चुनावों में, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के इंडिया ब्लॉक ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 43 पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 36 सीटें मिली थीं. एनडीए ने 2019 में 64 सीटें जीती थीं.
भाजपा की एक दिवसीय राज्य कार्य समिति की बैठक को संबोधित करते हुए, मौर्य ने चुनाव में हार के बाद अपने पहले बयान में कहा, "पार्टी संगठन सरकार से बड़ा है और कोई भी संगठन से बड़ा नहीं है". द प्रिंट ने मौर्य के हवाले से कहा, "हर भाजपा कार्यकर्ता हमारी प्रतिष्ठा है. मैं पहले भाजपा कार्यकर्ता हूं और बाद में उपमुख्यमंत्री हूं और मेरे दरवाजे हमेशा सभी के लिए खुले हैं."
कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ये साफ तौक पर योगी आदित्यनाथ और राज्य की नौकरशाही पर कटाक्ष था, जिसने कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं के जरिए उठाए गए सार्वजनिक मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया था.
बैठक में आदित्यनाथ ने दावा किया कि इस साल के चुनावों में भाजपा की उम्मीदों को “अति आत्मविश्वास” से चोट पहुंची है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा पिछले चुनावों के अपने वोट शेयर को बनाए रखने में कामयाब रही, लेकिन “वोटों का स्थानांतरण” हुआ और अब “पराजित” विपक्ष फिर से इधर-उधर कूद रहा है.