Bareilly News: बरेली के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (फास्ट ट्रैक ) कोर्ट ने सोमवार को एक 20 साल की छात्रा की शिकायत पर झूठी पहचान, रिश्ते और गर्भपात के तहत विवाह से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणियां की हैं. कोर्ट ने मोहम्मद अलीम को इस मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.
Trending Photos
Bareilly News: उत्तर प्रदेश की बरेली कोर्ट ने 25 साल के मोहम्मद अलीम को एक स्टूडेंट से रेप करने और अपनी पहचान गलत बताकर उसे धमकाने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की की सजा सुनाई. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अहम टिप्पणियां की हैं. कोर्ट ने कहा "लव जिहाद" का मकसद डेमोग्राफिक वॉर और इंटरनेशनल साजिश के जरिए से भारत के खिलाफ एक विशेष धर्म के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा डोमिनेंस स्थापित करना है.
बेरली के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने सोमवार को एक 20 साल की छात्रा की शिकायत पर झूठी पहचान, रिश्ते और गर्भपात के तहत विवाह से जुड़े एक मामले की सुनवाई की थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि गैर-कानूनी तरीके से हिंदू लड़कियों को "प्यार" के जाल में फंसाया जा रहा है और भारत में पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हालात पैदा किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अवैध धर्मांतरण देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है. जस्टिस ने इस मामले में 25 साल के मोहम्मद अलीम को रेप करने और अपनी पहचान गलत बताकर उसे धमकाने के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं, अदालत ने 65 साल के पिता को भी अपराधों में अपने बेटे की सहायता करने के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई. जस्टिस दिवाकर ने चेतावनी देते हुए कहा, "यह पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हालात पैदा करने की साजिश है."
"फैसले की कॉपी राज्य के CS और DGP को भेजी जाएं"; कोर्ट
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि फैसले की कॉपी राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीपीजी को भेजी जाएं. कोर्ट ने कहा कि मनोवैज्ञानिक दबाव और शादी और नौकरी जैसे प्रलोभनों के जरिए से धर्मांतरण किया जा रहा है.कोर्ट ने कहा कि समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
यह भी पढें:- मोईद खान के सपोर्ट में उतरे अयोध्या सासंद, कहा- सरकार कर रही है मुसलमानों को बदनाम
अदालत ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष रूप से "लव जिहाद" के जरिए से अवैध धर्मांतरण से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध अधिनियम, 2021 बनाया है. इसमें कहा गया, "संविधान हर एक आदमी को अपने मजहब का पालन करने और प्रचार करने का मौलिक अधिकार देता है, और 'लव जिहाद' द्वारा अवैध धर्मांतरण के जरिए से इस व्यक्तिगत स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया जा सकता है."
क्या है मामला?
आरोप है कि देवरनिया इलाके के जादौनपुर गांव का रहने वाला अलीम ने 'आनंद' बनकर 20 साल की छात्रा रेशम ( काल्पनिक नाम ) को प्यार के जाल में फंसाया और लड़की से शादी की थी और बाद में लड़की का गर्भपात भी करवा दिया. छात्रा को जब लड़के की असलियक पता चला तो लड़की ने इसकी शिकायत पुलिस थाने में की. जिसपर कोर्ट में कल सुनवाई हुई.