RSS chief Mohan Bhagwat: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में संघ के स्वयंसेवकों के एक प्रोग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरबराह मोहन भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति ’हिंदू’, किसी को पूजा के तरीके को बदलने की जरूरत नहीं.
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अंबिकापुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरबराह मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंगलवार को कहा कि भारत में रहने वाला हर शख्स ’हिंदू’ है, और सभी हिंदुस्तानियों का डीएनए (DNA) एक है. उन्होंने कहा कि किसी को भी अपने पूजा करने के तरीके को बदलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी के रास्ते एक ही जगह जाते हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में संघ के स्वयंसेवकों के एक प्रोग्राम को खिताब करते हुए उन्होंने कहा कि यूनिटी इन डायवर्सिटी भारत की सदियों पुरानी खासियत है. एक मात्र हिंदुत्व नाम का विचार दुनिया में ऐसा है, जो सभी को साथ लेने में यकीन करता है.
हमारे पुरखें एक ही थे
सरसंघचालक ने कहा, ‘‘अलग-अलग होने के बावजूद हम सभी एक जैसे हैं. हमारे पुरखें एक ही थे. हर भारतीय जो 40 हजार साल पुराने ’अखंड भारत’ का हिस्सा हैं, सभी का डीएनए एक है. हमारे पूर्वजों ने यही सिखाया था कि हर किसी को अपनी धार्मिक विश्वास और पूजा पद्धति पर कायम रहना चाहिए और दूसरों की आस्था और पूजा पद्धति को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. सब रास्ते एक जगह पर जाते हैं.’’ भागवत ने कहा कि सभी के धार्मिक आस्था और संस्कारों का सम्मान करें. सबको स्वीकार करें और अपने रास्ते पर चलें. अपनी इच्छा पूरी करे, लेकिन इतना स्वार्थी मत बनें कि दूसरों की भलाई का ध्यान न रहे.
मुश्किल वक्त में हम एक हो जाते हैं
सरसंघचालक ने कहा, ’’हमारी संस्कृति हमें जोड़ती है. हम आपस में कितना भी लड़ लें, मुश्किल वक्त में हम एक हो जाते हैं. जब मुल्क पर किसी तरह की मुसीबत आती है, तो हम साथ मिलकर लड़ते हैं. कोरोना महामारी के दौरान इससे निपटने के लिए पूरा मुल्क एक होकर खड़ा हो गया.’’ उन्होंने कहा कि संघ का मकसद लोकप्रियता हासिल करना और अपना प्रभाव बनाना नहीं है, बल्कि इसका मकसद सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए लोगों को जोड़ना और समाज को प्रभावशाली बनाना है. भागवत ने कहा कि संघ जैसा आज कोई दूसरा नहीं है, संघ को जानना है तो किसी बात से तुलना करके नहीं जान सकते हैं. उन्होंने कहा कि संघ के बारे में पढ़ लिखकर अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि संघ को समझना है तो संघ में आना चाहिए, इससे आप संघ को अंदर से देख सकते हैं. खुद के अनुभव से संघ समझ में आता है.
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