Sania Mirza: अक्सर कहा जाता है कि ऊपर वाले ने पुरुषों की तुलना महिलाओं को कमजोर बनाया है. इसलिए बस चलाना, प्लेन उड़ाना या फिर आर्मी में शामिल होना पुरूषों का काम है, लेकिन अब वक्त बदल चुका है. आपको साल 2018 की एक मुवी स्त्री याद होगी, जिसमें पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि "वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है" और इस बात को साबित किया है सानिया मिर्जा ने, लेकिन यहां मैं टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की बात नहीं कर रहा हूं. मैं बात कर रहा हूं. उत्तर प्रदेश की उस बेटी की, जिसने यूपी के साथ-साथ पूरे देश में अपना नाम रौशन किया है. दरअसल सानिया मिर्जा देश की पहली मुस्लिम महिला बन गई हैं, जो भारतीय फौज में फायटर प्लेन उडांएगी. जीं हां सानिया ऐसा करने वाली पहली मुस्लिम महिला है, जहां एक तरफ मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाई से ज्यादा मां बाप उसकी शादी पर जोर देते हैं वहां सानिया उन तमाम बच्चियों के लिए एक मार्गदर्शक साबित हो रही हैं. सानिया मिर्जा ने NDA के इम्तेहान में 148वां रैंक हासिल किया है.
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