Got the country free, but forced to pension "Pyare Lal Kushwaha" देश को आजाद हुए 75 साल हो गए औऱ इस आजादी को दिलाने में ना जाने कितने लोगों ने अपनी कुर्बानी दे दी उनमें से ज्यादातर को हम लोग भूल गए हैं, लेकिन जो अभी जीवित है. उन्हें अपने मामूली से पेंशन के लिए दर बदर भटकना पड़ता है. ऐसा ही एक वक्या 98 साल के स्वतंत्रता सेनानी पेंशन धारक प्यारे लाल कुशवाहा के साथ हो रहा है. जो अपने पेंशन के लिए DM ऑफ़िस के चक्कर काट रहे हैं. देश के तमाम नेताओं और सरकारी दफ्तर के चक्कर काटकर परेशान हो चुके प्यारे लाल की फरि़याद कोई नहीं सुन रहा है.
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