Who Was Bu Ali Sina: उज़बेकिस्तान के बुख़ारा शहर के सुल्तान नूह बिन मंसूर बीमार पड़ गए. बीमारी ऐसी की शिफ़ा मिल ही नहीं रही थी. उस ज़माने के तमाम हकीम और तबीब की कोई दवा कारगर साबित नहीं हो रही थी. इसी दौरान 18 साल के बू अली सीना (Bu Ali Sina) को पता चला. इब्ने सीना ने सुल्तान को अपने तजरबात से ऐसी दवा दी कि सुल्तान नूह बिन मंसूर सेहतयाब हो गए. बू अली सीना जैसे कम उम्र और मामूली से तबीब की दवा से सेहत पाकर सुल्तान बहुत ख़ुश हुए, और तोहफ़े के तौर पर उनके लिए एक बड़ी लाइब्रेरी खोलवा दी. ये लाइब्रेरी इब्ने सीना के लिए वरदान साबित हुई. इतने ज़हीन थे बू अली सीना कि जल्द ही उन्होंने लाइब्रेरी में मौजूद तमाम किताबों को छान मारा. 988 ईसवी में बुख़ारा में पैदा हुए बू अली सीना का पूरा नाम अबू अली अल हुसैन इब्ने अब्दुल्लाह इब्ने सीना था. ज़माने में इब्ने सीना या बू अली सीना के नाम से मशहूर हुए, और इंगलिश यानी मग़रिबी दुनिया में अवेसेन्ना के नाम से जाना जाता है, वैसे तो साढे चार सौ किताबों में इब्ने सीना ने अलग अलग बीमारियों के इलाज के नए नए तरीक़ों को तहक़ीक़ करके लिखा. लेकिन इब्ने सीना की अल क़ानून किताब को ही उनका शाहकार माना जाता है.