पाकिस्तान के कराची शहर में कुछ चरमपंथियों ने सैमसंग के शो रूम के बाहर लगे साइन बोर्ड को उखाड़कर फेक दिया और वहां तोड़फोड़ की.
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नई दिल्लीः पाकिस्तान ईश निंदा कानून के लिए कुख्यात है. यहां ईश निंदा के आरोप में किसी को भी फांसी और देश निकाला की सजा सुना दी जाती है. इस कानून की चपेट में कई मुस्लिम लेखक और विद्वान आ चुके हैं, लेकिन निशाने पर ज्यादातर मुल्क के अल्पसंख्यक होते हैं. कई मल्टीनेशनल कंपनियों पर भी इस तरह के इल्जाम लगते रहे हैं कि कंपनियों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. अभी ताजा मामला सैमसंग कंपनी का है, जिसपर ईशनिंदा का आरोप लगा है.
#BREAKING Islamist extremists in Karachi destroy @Samsung signboards, claiming that the company is involved in blasphemy against Islam.
In this short video, protesters can be heard chanting "Those who blaspheme must be beheaded..."
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South Asia Press (@SouthAsiaPress) July 1, 2022
भीड़ ने लगाए नारे
कराची में सैमसंग के एक बड़े शोरूम के बाहर कुछ लोग वहां लगे साइनबोर्ड को उखाड़कर गिरा रहे हैं. भीड़ में शामिल लोग किसी चरमपंथी समूह के लग रहे हैं. उनका दावा है कि कंपनी ने ईशनिंनदा में लिप्त है. भीड़ नारे लगा रही है कि जो कोई भी ईशनिंदा करेगा उसका गला काट दिया जाना चाहिए. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे लोग साइन बोर्ड को उखाड़कर गिरा रहे हैं. यहा सैमसंग के अलावा चाइनीज कंपनी विवो का भी शो रूम दिख रहा है.
सेलफोन कंपनी के 27 कर्मचारियों को हिरासत में लिया
ईशनिंदा को लेकर भीड़ के हिंसक विरोध के बाद शुक्रवार को मोबाइल फोन कंपनी के 27 कर्मचारियों को हिरासत में लिया. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, कराची दक्षिण पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रीडी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को सुबह करीब 11 बजे सूचना मिली कि स्टार सिटी मॉल में एक 'वाईफाई डिवाइस' लगाया गया है, जो कथित तौर पर पैगंबर के साथियों के खिलाफ टिप्पणी करता है. मामले की गंभीरता को समझते हुए, एसएचओ मौके पर पहुंचे, डिवाइस को बंद कर दिया और इसे जब्त कर लिया, एक निजी कंपनी के 27 कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया गया. मामले की जांच के लिए सदर एसपी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की गई है और अगर कोई ईशनिंदा में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कंपनी की कमिटी करेगी मामले कि जांच
इस बीच, सैमसंग पाकिस्तान ने एक बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है. कंपनी ने कहा है कि धार्मिक मामलों में कम्पनी पूरी तरह तटस्थ और निष्पक्ष है. वो सभी धर्मों और धार्मिक विचारों का सम्मान करती है. सभी धर्मों कि तरह इस्लाम का भी कंपनी आदर करती है. यहां तक कि कंपनी में इन मामलों को लेकर स्पष्ट पालिसी है और वो एथिक्स का पालन करती है. कराची मामले के बाद कंपनी ने तुरंत एक आंतरिक समिति का गठन किया है जो इस मामले कि जांच करेगी. कंपनी ने यह भी कहा कि उसने मामले की 'तुरंत' आंतरिक जांच शुरू कर दी है.
श्रीलंकाई नागरिक की हो चुकी है ईशनिंदा में हत्या
गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान में एक कपड़ा कंपनी के बाहर लगे एक बैनर को हटाने की वजह से श्रीलंका निवासी उस कंपनी के मैनेजर प्रियंता कुमार की उग्र भीड़ ने हत्या कर दी थी. भीड़ ने इल्जाम लगाया था कि कुमार ने बैनर को हटाकर ईशनिंदा की है. हालांकि इस मामले में पाकिस्तान की कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लगभग 7 दोषियों को मौत की सजा और भीड़ में शामिल 600 लोगों को सजा सुनाया है. अभी चार दिन पहले ही राजस्थान के उदयपुर में दो चरमपंथी आतंकवादियों ने पूर्व भाजपा नेता का समर्थन करने पर एक दर्जी की गला रेतकर हत्या कर दी थी. नुपूर शर्मा पर पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्तिजनक बयान यानी ईश निंदा का आरोप है.
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