चीन में उइगर मुसलमानों से जबरन कराई गई मजदूरी! अमेरिका ने लगाई लगाम
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चीन में उइगर मुसलमानों से जबरन कराई गई मजदूरी! अमेरिका ने लगाई लगाम

China America News: अमेरिका ने चीन की उन कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है जिस पर उसे शक है कि इसमें उइगर मुसलमानों की मेहनत शामिल है. कैंपेन फॉर उइगर संगठन ने अमेरिका के इस कदम की तारीफ की है. इसका कहना है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियां दमनकारी हैं.

 

चीन में उइगर मुसलमानों से जबरन कराई गई मजदूरी! अमेरिका ने लगाई लगाम

China America News: अमेरिका ने चीन की 5 कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है. इन कंपनियों पर इल्जाम है कि यह कंपनियां चीन में उइगर मुसलमानों से जबरन काम कराती हैं और उससे फायदा कमाती हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने बताया है कि चीन में मौजूद पांच कंपनियों को उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम में शामिल किया गया है. इस तरह अब अमेरिका की तरफ से पबंदी लगाई गई कंपनियों की तादाद अब 73 हो गई है.

चीनी कंपनियों पर अमेरिका की पाबंदी
इसका मतलब यह है कि ये 73 कंपनियां अब अमेरिका में अपना कारोबार नहीं कर सकती हैं. बताया जाता है कि अगर अमेरिका लगता है कि किसी कंपनी में उइगर मुसलमानों का जरा सा भी श्रम लगा होता है, तो वह उस पर पूरी तरह से पाबंदी लगा देता है. 

चीन हो जवाबदेह
अमेरिका ने चीन की इन कंपनियों पर इसलिए पाबंदी लगाई है, ताकि जबरन श्रम पर रोक लगे. चीन से खबरें आती रहती हैं कि चीन के झिंजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यक ग्रुपों के खिलाफ नरसंहार होता है. अमेरिका चाहता है कि चीन मानवता के खिलाफ जुल्म के लिए जवाबदेह हो.

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अमेरिका का बयान
अमेरिका सेक्रेटरी ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी एलेजांद्रो एन मेयरकास ने एक बयान में कहा कि "अमेरिका दीगर इलाकों में उन इदारों की पहचान करता है, जो जबरन श्रम का इस्तेमाल करते हैं. हम उनके दूषित सामानों को हमारे देश की आपूर्ति श्रृंखलाओं से बाहर रखने के लिए काम करते हैं,"

चीन पर इल्जाम
अमेरिकी सरकार ने 2021 से बीजिंग पर शिनजियांग में उइगरों और अन्य मुसलमानों के खिलाफ "नरसंहार" करने का इल्जाम लगाया है. इल्जाम है कि चीन शिनजियांग में महिलाओं की नसबंदी और उइगरों को उच्च सुरक्षा वाले नजरबंदी शिविरों में कैद कर रखा है. वाशिंगटन में मौजूद कैंपेन फॉर उइगर ने उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम (UFLPA) इकाई सूची का विस्तार करने के अमेरिकी फैसले की तारीफ की है. इसने कहा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की "दमनकारी नीतियाँ" हैं, जिसने "श्रम हस्तांतरण के जरिए पूर्वी तुर्किस्तान की जनसांख्यिकी संरचना को बदलने और उइगर संस्कृति को मिटाने के लिए डिज़ाइन की गई जबरन श्रम की प्रणाली को लागू किया है.

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