Ramadan 2023: रमजान के दौरान हिंदुओं पर हो रहे जुल्म की एक खबर सामने आई है. दरअसल यहां पर एक SHO ने हिंदू लोगों के साथ खूब मारपीट की. जिसकी वजह से उसे निलंबित भी होना पड़ गया.
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Pakistan News: पाकिस्तान के सिंध में कथित रूप से 'रमजान अध्यादेश का उल्लंघन कर' खाना खाने के आरोप में हिंदू दुकानदारों को प्रताड़ित करने, परेशान करने, मारपीट करने और गिरफ्तार करने के बाद एक पुलिस अफसर को निलंबित कर दिया गया है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में खानपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ काबिल भायो को घोटकी जिले में हाथ में एक छड़ी के साथ घूमते हुए देखा जा सकता है, जिसका इस्तेमाल उसने हिंदू पुरुषों समेत दुकानदारों को पीटने के लिए किया. ये लोग स्थानीय बाजार में कथित तौर पर डिलीवरी ऑर्डर पूरा करने के लिए बिरयानी तैयार कर रहे थे.
"How dare you open Dhaba in Ramzan, O Hindu? Keep your bhagvan (idol) on your head and down your shutter"
- Pak Sindh police SHO reminds poor Hindu Dhaba owner it's the 'land of Islam'pic.twitter.com/bF3uhb9ZTK
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) March 24, 2023
पुलिस के ज़रिए गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति ने कहा, "मैं कसम खाता हूं कि मैं हिंदू समुदाय से हूं और ग्राहक यहां आकर खाना ले जाते हैं. हम रमजान के दौरान घर के अंदर खाने की सर्विस नहीं चलाते." हालांकि, एसएचओ ने सार्वजनिक रूप से हिंदू रेस्तरां के मालिक को अपनी पवित्र पुस्तक की शपथ लेने के लिए मजबूर किया. अधिकारी ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों पर शारीरिक हमला करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया.
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वीडियो वायरल होने के बाद सिंध मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने इसका नोटिस लिया और पुलिस अफसर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सुक्कुर के डीआईजी और घोटकी के एसएसपी को खत लिखा. एसएचआरसी के ज़रिए जारी एक खत में कहा गया है, "यह उनके धर्म और विश्वासों की परवाह किए बिना नागरिकों के बुनियादी हक का हनन है और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 20 के खिलाफ है, जो धार्मिक संस्थानों को मानने और पाबंदी लगाने स्वतंत्रता की गारंटी देता है."
इसमें कहा गया है कि एसएचओ का व्यवहार अल्पसंख्यक अधिकारों पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश तसादुक हुसैन जिलानी के ज़रिए 19 जून, 2014 को जारी किए गए ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ था. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक यह ध्यान देने लायक है कि रमजान अध्यादेश में कहा गया है कि सिर्फ इस्लाम के सिद्धांतों के तहत रोजा रखने वाले लोगों को रमजान के महीने में रोजे के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर खाने, पीने और धूम्रपान करना मना है.
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